उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

यूपी की पॉलिटिक्स में हो रहा बदलाव, छोटे दलों की शरण में बड़े दल - RLD President Jayant Choudhary

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) से पहली यूपी की राजनीति में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. बड़े दल ही अब अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए छोटे दलों की शरण में जा रहे हैं. आइए जानते हैं कौन से दल किसके साथ गठबंधन कर रहे हैं.

यूपी पॉलिटिक्स.
यूपी पॉलिटिक्स.

By

Published : Nov 9, 2021, 7:43 PM IST

लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर सियासी गर्मी तेजी से बढ़ रही है. वहीं, छोटे से लेकर बड़े दल जनता को रिझाने के साथ गठबंधन करने के लिए मुखर हो ने लगे हैं. उत्तर प्रदेश की राजनीति में अभी तक यह देखने को मिलता रहा है कि छोटे दलों के नेता बड़े दलों की शरण में अपने लिए विकल्प की तलाश में पहुंचते थे. लेकिन 2022 चुना से पहले राजनीति में बदलाव देखने को मिल रहा है. बड़े दल अब अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए छोटे दलों की शरण में जा रहे हैं. इसमें सत्ता पाने को लालायित राजनीतिक दल तो शामिल हैं ही, सत्तासीन भाजपा भी इसी सूची में है.

भले ही पूरे उत्तर प्रदेश में नहीं छोटे दल सिर्फ जनपद तक ही सीमित हों, लेकिन उनका प्रभाव बड़े राजनीतिक दलों की ही हर तरह फैला हुआ है. यही वजह है कि बड़े राजनीतिक दलों को भी इन छोटे दलों की शरण में अपना चुनाव जीतने के लिए जाना पड़ रहा है. पश्चिम में राष्ट्रीय लोकदल की मजबूती बड़े दलों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है. समाजवादी पार्टी रालोद को अपने पाले में खींचने के लिए पूरा जोर लगा चुकी है. वहीं, कांग्रेस पार्टी की भी ख्वाहिश है कि राष्ट्रीय लोक दल साथ मिलकर यूपी विधानसभा चुनाव लड़े. ऐसे में यह दोनों बड़े दल राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह की शरण में हैं.

इसे भी पढ़ें-कैराना में योगी ने नाराज जाट वोटरों को पलायन और दंगों की याद क्यों दिलाई ?

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी चौधरी जयंत सिंह की फ्लाइट छुड़वाकर अपने साथ चार्टर प्लेन में लखनऊ से दिल्ली ले जाती हैं और साथ आने की चर्चा करती हैं. वहीं, अखिलेश यादव लगातार कह रहे हैं कि जयंत समाजवादी पार्टी के साथ हैं, जल्द ही गठबंधन पर मुहर लगेगी. इससे साफ है कि भले ही राष्ट्रीय लोक दल छोटा दल सही लेकिन इस बार बड़े दलों को अपने दर पर झुकाने में जयंत कामयाब हैं. रालोद का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दबदबा है, यही वजह है कि बड़े दल कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते. इसके अलावा सपा ने इस बार महान दल के साथ भी हाथ मिलाया है. महान दल का प्रभाव आगरा, बरेली, बदायूं में है. जहां पर सैनी, कुशवाहा और शाक्य काफी संख्या में हैं. इसके अलावा जनवादी पार्टी से भी सपा ने हाथ मिलाया. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की शरण में भी समाजवादी पार्टी गई.

वहीं, सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी निषाद पार्टी के अलावा भारतीय मानव समाज पार्टी, मुसहर आंदोलन मंच (गरीब पार्टी) शोषित समाज पार्टी, मानव हित पार्टी, भारतीय सुहेलदेव जनता पार्टी, पृथ्वीराज जनशक्ति पार्टी और भारतीय समता समाज पार्टी शामिल हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिये डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details