लखनऊ :अमौसी स्थित नादरगंज में हरियन खेड़ा शूटिंग रेंज को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा. इसके लिए पास की 13 एकड़ भूमि को परियोजना में शामिल की जाएगी. साथ ही इसका नामकरण चद्रशेखर आजाद शूटिंग रेंज किए जाने के प्रस्ताव को महापौर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में नगर निगम कार्यकारिणी ने मंजूरी दे दी है. शूटिंग रेंज को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए 160 करोड़ रुपये की डीपीआर स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा.
नादरगंज फायरिंग रेंज :निशानेबाजी में राजधानी को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए नादरगंज में फायरिंग रेंज की स्थापना वर्ष 2008 में की गई थी. अवस्थापना निधि से बाउन्ड्री, चेनलिक फेसिंग, प्रशासनिक भवन, 10 मीटर इन्डोर शूटिंग रेंज, 25 मीटर आउटडोर शूटिंग रेंज, 30 शूटर्स के लिए 50 मीटर आउटडोर शूटिंग रेंज 70 शूटर्स के लिए ट्रैप एवं स्कीट, आरमरी लाक पैनल्स, ट्रांसफार्मर, सब-स्टेशन, जनरेटर्स व अन्य विद्युतीकरण कार्य, फायर फाइटिंग व अन्य विकास आदि कार्य उस समय कराए गए थे. हालांकि शूटिंग में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों की आपूर्ति एवं स्थापना एवं अवशेष अन्य कार्य बजट के अभाव में न होने पर शूटिंग रेंज क्रियाशील नहीं हो सकी.
शुल्क जमाकर शूटिंग का अभ्यास :वर्तमान में 50 मीटर रेंज में एटीएस तथा पुलिस बलों की ओर से निशुल्क तथा प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड कंपनियों की ओर से निर्धारित शुल्क जमाकर शूटिंग का अभ्यास किया जा रहा है. लगभग 12 वर्ष पूर्व किए गए निर्माण का रखरखाव न होने से भवन व रेंज क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं. अब इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. जिससे उत्साही खिलाड़ियों को अपने स्थान के आसपास अभ्यास करने की सुविधा मिल सके. लगभग 33 एकड़ भूमि पर स्थित शूटिंग रेंज को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित करने के लिए वास्तुविद ने लगभग 13 एकड़ भूमि का उपयोग किया जाना आवश्यक बताया है. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि इसके बनने से लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन हो सकेंगे. जिससे व्यवसाय भी बढ़ेगा. कार्यकारिणी ने भूमि का उपयोग शूटिंग रेंज के लिए किए जाने तथा नामकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब शासन को डीपीआर स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी.
गौ तीर्थाटन की तर्ज पर 3.2 करोड़ में बनेगी मनोरथा गौशाला :अयोध्या रोड स्थित उत्तरधौना में नगर निगम नई गौशाला बनवाएगा. गौ संरक्षण व गौ तीर्थाटन की तर्ज पर यह मनोरथा गौशाला करीब 9.912 हेक्टेयर जमीन पर बनाई जाएगी. जिसमें पहले चरण में करीब दो हजार गौवंश को रखने का इंतजाम किया जाएगा. छुट्टा पशुओं के लिए नगर निगम के पास इस समय सबसे बड़ी जगह कान्हा उपवन है. जहां पर इस समय 9225 गौवंश हैं. इसके अलावा इंदिरा नगर के जरहरा में 200 बछिया हैं. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि नगर निगम की सीमा का विस्तार हो जाने के बाद छुट्टा पशुओं की संख्या को देखते हुए एक नई गौशाला का निर्माण उत्तरधौना में किया जाने के प्रस्ताव को कार्यकारिणी ने पास कर दिया है. 3.263 करोड़ की डीपीआर तैयार कर शासन को बजट की मंजूरी के बाद भेजा जाएगा. यह जमीन लखनऊ-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित बीबीडी, विश्वविद्यालय में उत्तर दिशा की ओर लगभग दो किलो मीटर इमली बाघ बाबी मन्दिर के निकट है. जिसकी किसान पथ से दूरी लगभग एक किलोमीटर है. यहां लगभग दो हजार गौवंश के आश्रय के लिए एक्सपीरियेन्स सेन्टर, पशु चिकित्सालय, गाय संग्रहालय एवं गैलरी, गौदन स्थल, कामधेनू स्टैचू, आफिस अन्नपूर्णा भोजनालय, काऊ शेड् स्टाफ क्वार्टरस, डॉक्टर क्वार्टरस, आन्तरिक सड़क निर्माण, पाथवे, पार्किंग, चास लैण्डस्केपिंग प्लानटेशन, सीवरेज, ड्रेनेज आदि कार्य होंगे. मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता का यह कार्य गौ-संरक्षण एवं पर्यटन की दृष्टि से काफी उपयोगी साबित होगा.