लखनऊ : समाजवादी पार्टी नगर निकाय चुनाव में जीत दर्ज कर लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा संदेश देने की तैयारी कर रही है, लेकिन पूर्व का इतिहास देखें तो पार्टी पहले चुनावों में बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाई है. शहरी क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी के लिए मेयर की सीट जीतना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. अभी तक समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक ही बार मेयर की सीट जीत पाई थी, वह भी करीब 16 साल पहले. 2006 में हुए नगर निकाय चुनाव में मुरादाबाद सीट समाजवादी पार्टी ने जीती थी. उत्तर प्रदेश में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो उस समय भी मेयर की सीटों पर पार्टी कब्जा नहीं कर पाई थी.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव निकाय चुनाव में इस बार हर स्तर पर तैयारी कर रहे हैं. उनकी कोशिश है कि नगर निगम की कम से कम आधा दर्जन सीटों पर समाजवादी पार्टी के महापौर चुनाव जीत सकें और इसी को देखते हुए उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा की जातीय समीकरण को देखते हुए की, लेकिन समाजवादी पार्टी का इतिहास रहा है कि वह नगर निगम में मेयर की सीटें अभी तक जीतने में असफल ही रही है. उत्तर प्रदेश में 2012 से 17 तक समाजवादी पार्टी की सरकार थी, उस समय भी समाजवादी पार्टी 16 नगर निगमों में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. 2006 में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे. उस समय समाजवादी पार्टी सिर्फ मुरादाबाद की महापौर सीट पर कब्जा जमा पाई थी. भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में रहते हुए भी सर्वाधिक सीट जीतने में सफल रही थी. शहरी क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी का जनाधार माना जाता है, लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी ने आधा दर्जन से अधिक महापौर की सीट जीतने का दावा किया है. समाजवादी पार्टी नगर निकाय चुनाव में कितनी सफलता प्राप्त करेगी यह देखने वाली बात होगी.