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चेन स्नेचिंग की घटनाओं से खौफ में राजधानी लखनऊ की महिलाएं, बोलीं-अब खुद ही रहना होगा सावधान - लखनऊ में चेन स्नेचिंग की घटनाएं

राजधानी लखनऊ की हाईटेक पुलिस की नाक के नीचे हुई चेन स्नेचिंग की घटना ने यूपी पुलिस के इकबाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अलीगंज में हुई दुस्साहिक वारदात से घर से जेवर पहन कर निकलने वाली महिलाओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि उनकी सुरक्षा का दम भरने वाली पुलिस कुछ नहीं कर पाएगी.

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Published : May 8, 2023, 1:59 PM IST

चेन स्नेचिंग की घटनाओं से खौफ में राजधानी लखनऊ की महिलाएं.

लखनऊ : राजधानी के अलीगंज में पर्स छीनने की वारदात के दौरान 11 माह के मासूम के घायल होने की तस्वीर ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. घटना हुए 45 घंटे से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अब तक लुटेरों का पता पुलिस की 40 कर्मियों की टीम नहीं लगा सकी है. ऐसे में राजधानी की महिलाएं अब खौफ में हैं, उन्हें डर इस बात का है कि जो घटना राजधानी की रेनू के साथ हुई कहीं वो उनके साथ न हो जाए और पुलिस आरोपियों को ढूंढ तक न सके.

चेन स्नेचिंग की घटनाओं से खौफ में राजधानी लखनऊ की महिलाएं.
चेन स्नेचिंग की घटनाओं से खौफ में राजधानी लखनऊ की महिलाएं.

राजधानी के एक महिला डिग्री कॉलेज में बीते 10 वर्षों से पढ़ा रहीं प्रोफेसर डॉ. नीता सक्सेना कहती हैं कि उन्हें अब डर लगने लगा है. उन्हें मालूम है कि पुलिस हमेशा उनके साथ नहीं चलेगी. ऐसे में सावधानी अब उन्हें ही बरतनी होगी. नीता सक्सेना कहती हैं कि हम रोजाना अखबारों में चेन स्नेचिंग की घटनाओं को पढ़ कर भयभीत हो रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि महिला बिना डरे बाहर निकल सकें, ऐसा माहौल बनाया जाए.

चेन स्नेचिंग की घटनाओं से खौफ में राजधानी लखनऊ की महिलाएं.




प्रोफ़ेसर छवि निगम कहती हैं कि हम सोना पहनना तो नहीं छोड़ सकते हैं. अलीगंज जैसी घटनाओं के लिए पुलिस और सरकार जिम्मेदार है. ऐसे में हमें खुद से जिम्मेदार बनना पड़ेगा. जैसे चेन को दुपट्टे से छुपा कर रखना होगा. नीता कहती हैं कि बीते दिनों में स्नेचिंग की वारदातें बढ़ी हैं. ऐसे में पुलिस को चाहिए कि जब घटना के बाद पुलिस को कॉल की जाए तो सतर्कता दिखाते हुए अगले चौराहे पर उन्हें पकड़े सके.

चेन स्नेचिंग की घटनाओं से खौफ में राजधानी लखनऊ की महिलाएं.


महिला डिग्री कॉलेज की महिलाओं का डर इसलिए भी है, क्योंकि स्ट्रीट क्राइम को रोकने के लिए शुरू की गई योजनाएं ठंडे बस्ते में जा चुकी हैं. राजधानी में बीते कुछ वर्षों में कई योजनाएं पुलिस ने शुरू की. जैसे आम लोगों खासतौर पर महिलाओं और बुजर्गों को सुरक्षित महसूस कराने में सहायक होती थीं, लेकिन जैसे जैसे समय बीता ये सभी योजनाएं खत्म कर दी गईं. आइए जानते हैं वे कौन कौन से योजनाएं थीं जिन्हें यूपी पुलिस ने राजधानी में शुरू की थीं.


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