लखनऊ : भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज लोकेश वरुण ने गेहूं भंडारण के लिए पुराने बोरे का उपयोग कर नए बोरे की धनराशि हड़पने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त तत्कालीन क्रय केंद्र अधिकारी सुरेश चंद्र त्रिपाठी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने अभियुक्त के सरकारी अधिकारी रहते हुए किए गए इस अपराध को प्रथम दृष्टया गम्भीर करार दिया है.
लखीमपुर खीरी का यह मामला वर्ष 2004-05 का है. इस दौरान अभियुक्त खीरी के लाल्हापुर में उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ का क्रय केंद्र अधिकारी हुआ करता था. 20 दिसंबर, 2021 को अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. सरकारी वकील एमके सिंह के मुताबिक शासन के 3 फरवरी 2005 के आदेश के क्रम में रबी विपड़न वर्ष 2004-2005 में गेहूं खरीद के लिए नए बोरों की जगह पुराने बोरों का प्रयोग करके धन का दुरूपयोग करने और गबन करने को लेकर आर्थिक अपराध अनुसंधान द्वारा जांच की गई.
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