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केंद्रीय राज्य मंत्री ने सीएम योगी को लिखी चिट्ठी, मेडिकल अधिकारियों की शिकायत की

केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने सीएम को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में उन्होंने मेडिकल से जुड़े अधिकारियों द्वारा फोन नहीं उठाने की शिकायत सीएम योगी से की है. इसके साथ ही संतोष गंगवार ने पत्र में कोविड से निपटने के लिए सीएम योगी को कुछ सुझाव भी दिए हैं.

केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने
केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने

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Published : May 9, 2021, 4:48 PM IST

लखनऊ: कोरोना को लेकर विधायकों और सांसदो की तरफ से अब तक मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी जाती रही है, इसी क्रम में अब केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने भी मुख्यमंत्री योगी को पत्र भेजा है. पत्र में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े अधिकारियों द्वारा फोन न उठाने की शिकायत की गई है. केंद्रीय राज्य मंत्री ने मुख्यमंत्री को कई सुझाव भी भेजे हैं. इसके साथ ही उन्होंने पत्र में उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाले सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को मध्य प्रदेश की तरह एमएसएमई के तहत 50 फीसद की छूट देने का भी अनुरोध किया है.

केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने सीएम को चिट्ठी लिखी
केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने सीएम को चिट्ठी लिखी
ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर मिले 50 फीसद छूट
राजधानी समेत उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी नहीं हो पा रही है. अब तक भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक और सांसद मुख्यमंत्री को इस बाबत पत्र लिख चुके हैं. कई विधायक खुद इलाज मांगते-मांगते थक गए और मौत के मुंह में समा गए. अभी भी सभी माननीयों को मुख्यमंत्री से ही उम्मीद है इसीलिए पत्र लिखने का सिलसिला जारी है. अब केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को 50 फ़ीसदी छूट देने की अपील की है.
मेडिकल उपकरणों की तय हो कीमत
पत्र में उन्होंने कहा है कि अस्पतालों में उपयोग होने वाले मल्टी पैरा मॉनिटर, बायो पैक मशीन और अन्य जरूरी उपकरण जो कोरोना इलाज में आवश्यक हैं, उनको डेढ़ गुना रेट पर व्यापारी बेच रहे हैं. इसके लिए सरकार इनकम रेट निर्धारित करे और एमएसएमई से रजिस्टर्ड प्राइवेट अस्पतालों को छूट दिलाई जाए. इससे पहले सरकारों में ऐसा होता आया है. उन्होंने लिखा कि यह बेहद जरूरी है कि कोरोना मरीज को कम से कम समय में रेफरल अस्पतालों में तुरंत भर्ती किया जाए. रेफरल होने के बाद पीड़ित मरीज को इधर-उधर भटकाया जाता है जिससे उसका अक्सीजन लेवल कम हो जाता है. यह चिंता का विषय है, इस ओर जरूर ध्यान दिया जाए. शहर के काफी लोगों ने बेवजह ही ऑक्सीजन सिलेंडर अपने घर में एहतियात के तौर पर रख लिए हैं और ऐसे लोग बड़े स्तर पर कालाबाजारी कर रहे हैं. इन लोगों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाए.

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महत्वपूर्ण अधिकारी नहीं उठाते फोन
केंद्रीय राज्य मंत्री ने ये भी शिकायत की है कि बरेली में मेडिकल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण अधिकारी अपने फोन नहीं उठाते हैं, जिससे मरीजों को काफी असुविधा हो रही है. इधर ध्यान दिया जाए. बरेली के मरीजों को सभी प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया जा सके और उन प्राइवेट अस्पतालों को कोविड की सुविधा भी दी जाए. केंद्रीय राज्य मंत्री ने मुख्यमंत्री को एक और सुझाव दिया है जिसमें आयुष्मान भारत से जुड़े सभी अस्पतालों को वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के साथ वैक्सीन उपलब्ध कराई जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन का फायदा ले सकें और कोविड की चेन को तोड़ा जा सके.

राज्यसभा सांसद ने भी लिखा सीएम को पत्र
राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. उन्होंने पंचायत चुनाव के दौरान फूंकी गई पुलिस चौकी को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. उनका आरोप है कि सपा की शह पर चौकी फूंकी गई थी. इस मामले में निषाद समाज के 61 लोगों को नामजद किया गया था. उन्होंने निर्दोषों से केस हटाने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मुख्यमंत्री से मांग की है. मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा है कि जिन लोगों ने भाजपा का नाम बदनाम करने की साजिश के तहत चौकी फूंकी, उन पर कार्रवाई हो. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मामले की जांच कराने का अनुरोध किया है.

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