लखनऊः उत्तर प्रदेश की सियासत में बदलाव की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दोपहर बाद दिल्ली पहुंचे. इस दौरान उनकी गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रपति से मुलाकात हुई. अभी सीएम योगी दिल्ली छोड़ भी नहीं पाए थे कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी के किनारे दफनाए गए शवों और नदियों में उतराते शवों का भी हिसाब पूछ लिया. केंद्र ने यूपी के अलावा दो अन्य राज्यों बिहार और महाराष्ट्र से भी कोविड से होने वाली मौतों का ब्यौरा मांगा है.
सरकार के मुताबिक 21 हजार 597 मौत
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण की तीव्रता इतनी थी कि, लोगों का बच पाना मुश्किल हो गया था. सरकार की बेचैनी बढ़ गई थी. प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी. अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी थी तो दवाओं के अभाव के चलते लोगों की मौत की खबर आ रही थी. विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर हमलावर रहा. विपक्ष ने यह भी आरोप लगाए थे कि उत्तर प्रदेश सरकार मौतों का आंकड़ा छिपा रही है. इसी बीच जब नदियों में लाशें उतराती हुई मिलीं तो विपक्ष और हमलावर हो गया. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार हर दिन मौत का आंकड़ा जारी करती आ रही है. सरकार की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 11 जून तक कोविड संक्रमण से 21 हजार 667 लोगों की मृत्यु हुई है.
इसे भी पढ़ें-राजनीतिक अटकलों के बीच मोदी-नड्डा-शाह की बैठक
योगी की सबसे पहले शाह से हुई मुलाकात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 10 जून को दोपहर बाद दिल्ली पहुंचे. योगी के दिल्ली दौरे को बड़े बदलाव के रूप में देखा जाने लगा. उन्होंने सबसे पहली मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह से की. करीब डेढ़ घंटे तक उनसे बातचीत हुई. सीएम योगी की तरफ से प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं का समाधान शीर्षक से एक पुस्तक भी उन्हें भेंट की गई. बताया जा रहा है कि यूपी की सियासत, सरकार, संगठन और कोविड प्रबंधन को लेकर पूरी रिपोर्ट योगी ने गृहमंत्री को सौंपी.