लखनऊ. केंद्र सरकार ने निजी सेक्टर में 'प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र' खोलने पर रोक लगा दी है. अब सस्ती दवाओं की बिक्री के लिए आम व्यक्ति दुकान का लाइसेंस नहीं ले सकता है. सरकारी क्षेत्र में योजना का विस्तार जारी रहेगा. अस्पतालों से लेकर सीएचसी तक प्रस्तावित जनऔषधि केंद्र खुलेंगे. बताया जाता है कि निजी क्षेत्र में जन औषधि केंद्र पर दूसरी दवाएं भी बेची जा रही थीं. इसका दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.
प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना सन 2015 में शुरू हुई थी. इस दौरान आठ सौ दवा व अन्य उत्पाद मुहैया कराने का दावा किया गया था. इसमें 650 दवाएं व 150 सर्जिकल सामान को शामिल किया गया. वहीं, सन 2020 से पेटेंट से बाहर आईं नई दवाएं शामिल की गईं. इसमें 1400 दवाएं व पांच सौ सर्जिकल व अन्य सामान शामिल किए गए. केंद्रों पर दवा की आपूर्ति केंद्र सरकार के उपक्रम ब्यूरो ऑफ फार्मा-पीएसयू ऑफ इंडिया बीपीपीआई द्वारा की जाती है.