लखनऊः सेंटीनियल इंटर कॉलेज के बाहर शुक्रवार सुबह जमकर हंगामा हुआ. जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद सेंटीनियल इंटर कॉलेज पर कब्जा करके बैठे लोग शिक्षकों और स्टूडेंट्स को प्रवेश देने के लिए तैयार नहीं थे. प्रिंसिपल डेविड दयाल अपने कुछ बच्चों के साथ अंदर चले गए थे लेकिन, बाकी को प्रवेश नहीं मिल पाया. इस दौरान जमकर नौंकझौंक हुई. मौके पर बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक से लेकर जिलाधिकारी तक पहुंचे. हंगामा और विवाद के बाद सेन्टीनियल इंटर कॉलेज के स्टूडेंट्स को अपने ही स्कूल में प्रवेश मिल पाया.
सेंटीनियल कॉलेज विवादः डीएम के आदेश के बावजूद शिक्षकों और छात्रों से बदसलूकी
लखनऊ के गोलागंज में जिस स्कूल की बिल्डिंग को लेकर विवाद चल रहा हैं. वहां, बीते 139 वर्षों से सेंटीनियल इंटर कॉलेज का संचालन किया जा रहा था. यह सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय है. रातोंरात इस स्कूल को खत्म कर यहां निजी स्कूलों को मान्यता दे दी गई.
शिकायत के बाद क्यों थे सब चुप
सेंटीनियल इंटर कॉलेज को लेकर बीते करीब आठ-नौ महीने से विवाद चल रहा था. गुरुवार को जब शिक्षक सड़क पर उतर आए तब जाकर अधिकारियों की नींद टूटी. इससे पहले सभी खामोश थे. जबकि, स्कूल के शिक्षकों की तरफ से तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. अमर कान्त सिंह, संयुक्त शिक्षा निदेशक सरेन्द्र तिवारी से लेकर सभी अन्य अधिकारियों तक इसकी शिकायत की गई थी. असल में, इस पूरे मामले में शिक्षा विभाग की खामियों और लूपहोल का इस्तेमाल किया गया है. जिसमें, शिक्षा विभाग के अधिकारी पूरी तरह से लिप्त हैं. इसके चलते वह बार-बार प्रकरण को दबाने में लगे हुए थे.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप
TAGGED:
सेन्टीनियल इंटर कॉलेज विवाद