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लखनऊः सिख समुदाय ने मनाया गुरु नानक देव का 550वां जन्मदिवस

मंगलवार को गुरु नानक देव का 550वां जन्मदिवस बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया. वहीं प्रदेश के तकरीबन हर जिले में प्रकाश उत्सव के अवसर पर सिख समुदाय के लोगों ने प्रभात फेरी निकाली.

गुरु नानक देव का 550वां जन्मदिवस.

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Published : Nov 17, 2019, 7:22 PM IST

लखनऊःपूरे प्रदेश भर में मंगलवार को गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान राजधानी में सिख समुदाय के लोगों ने पर्यावरण को संरक्षित करने का संदेश दिया. वहीं चंदौली में इस पर्व के अवसर पर रागी जत्था ने गुरुनानक देव जी के उपदेशों की व्याख्या की. साथ ही प्रदेश के बाराबंकी और सोनभद्र जिले में सिख समुदाय के लोगों ने प्रभात फेरी निकाल कर गुरु नानक को याद किया.

राजधानी में प्रकाशोत्सव पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश.

राजधानी में प्रकाशोत्सव पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश
विश्व भर लोग गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मना रहे हैं. वहीं राजधानी के भी सभी गुरुद्वारों में शबद कीर्तन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इस मौके पर सिख समुदाय के लोगों ने कार्यक्रम में पौधे वितरित कर लोगों को पर्यावरण को संरक्षित करने का संदेश दिया.

साथ ही शहर और देशवासियों से अपील की कि वह भी पर्यावरण संरक्षण संरक्षित करने के लिए आगे बढ़े ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी को दूषित पर्यावरण का सामना न करना पड़े. इस पहल को लेकर गुरु ग्रंथ साहब के दर्शन करने आए लोगों में भी काफी उत्सुकता देखने को मिली. साथ ही इस पहल में लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.

चंदौली में रागी जत्था का आयोजन.

प्रकाश पर्व के अवसर पर बाराबंकी में निकाली गई प्रभात फेरी
मानवता का संदेश देने वाले सिख पंथ के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व जिले में बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. सुबह सवेरे सिख समुदाय के लोगों ने "वाहेगुरु -वाहेगुरु " का जाप करते हुए प्रभात फेरी निकाली. उसके बाद नगर के लाजपत नगर स्थित गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन करते हुए लोगों ने गुरु नानक जी को याद कर गुरुवाणी का पाठ किया. इस मौके पर जिले के तमाम धर्मों के लोगों ने इस अरदास में हिस्सा लिया.

सोनभद्र में निकाली गई प्रभात फेरी.
प्रकाश पर्व यानी मन की बुराइयों को दूर करनागुरु नानक देव जी के जन्मदिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. प्रकाश पर्व यानी मन की बुराइयों को दूर कर उसे सत्य, ईमानदारी और सेवाभाव से प्रकाशित करना. गुरु नानक देव ने 'अव्वल अल्लाह नूर पाया, कुदरत के सब बंदे का' सन्देश दिया था. यही नहीं उन्होंने कहा था कि "कीरत करो ,नाम जपो और बांट कर खाओ. इसी सन्देश पर अमल करते हुए गुरुद्वारे में विशाल लंगर का भी आयोजन किया गया था, जिसमें विभिन्न धर्मों के लोगों ने हिस्सा लिया.

गुरु नानक देव जी ने मानवता और भाई चारे का जो सन्देश दिया था, उसी सन्देश को लोग पूरे देश मे फैलाना चाह रहे हैं.
-सरदार स्वर्ण सिंह, सेवादार

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सोनभद्र में मनाया गया प्रकाश पर्व

सिखों के पहले गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के जन्मदिवस को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता हैं. जिला मुख्यालय रावटसगंज में भी गुरु नानक देव के 550वें जन्मदिवस का आयोजन किया गया. इस दौरान सिख समुदाय के लोगों ने शहर भर में प्रभात फेरी निकालकर प्रसाद का भी वितरण किया. इस कार्यक्रम में भारी संख्या में सिख समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया.

गुरु गुरु नानक देव का 550वां जन्मदिवस है. इसको प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता हैं. इस दौरान सिख समुदाय के लोगों ने पूरे शहर में शोभायात्रा निकालकर गुरु नानक को याद किया.
-सुखविंदर सिंह, स्थानीय निवासी

चंदौली में गुरुनानक देव के आदर्शों का वर्णन
मंगलवार को जिले के दीनदयाल नगर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में सिख धर्म में संस्थापक गुरु नानक देव जी महाराज का 550वां प्रकाश पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर लुधियाना और अमृतसर से रागी जत्था ने गुरुनानक देव जी के उपदेशों की व्याख्या की. साथ ही उन्होंने गुरुनानक देव के आदर्शों का वर्णन करते लोगों को प्रेम, एकता, समानता, भाईचारा और आध्यत्मिक ज्योति का संदेश दिया.

बाराबंकी में विशाल लंगर का आयोजन.
प्रकाशोत्सव के अवसर पर मंगलवार को सुबह से गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में सिख श्रद्धालुओं ने माथा टेकाना शुरू किया. इस दौरान लुधियाना से आए रागी जत्था जगत सिंह और अमृतसर से पधारे बलवंत सिंह और हजूरी रागी जत्था भाई जयपाल सिंह भावपूर्व शब्द कीर्तन के जरिए श्रद्धालुओं को गुरुनानक देव जी के चरणों से जोड़ने का प्रयास किया. साथ ही उन्होंने गुरुनानक जी की महीमा का वर्णन किया.

ईश्वर की आराधना के साथ ईमानदारी पूवर्क का कार्य करते हुए कमाई करें और अपनी कमाई का कुछ अंश गरीबों में बांटे ताकि संसार में सभी लोगों का भला हो सके. सभी ईश्वर की संतान है, ऐसे में आपस में भेदभाव को भूलकर पूरे विश्व को एक बंधुत्व के धागे में पिरोना चाहिए.
-रघुबीर, प्रबंधक

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