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लखनऊ: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मनाई गई 123 वीं जयंती, सांध्य काव्य का हुआ आयोजन

राजधानी लखनऊ में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123 वीं जयंती के उपलक्ष में सांध्य काव्य का आयोजन किया गया. इस आयोजन में महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी भूमिका के बारे में बताया गया और सुभाष चंद्र बोस के योगदान में चर्चा किया गया.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123 वीं जयंती
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123 वीं जयंती

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Published : Jan 23, 2020, 8:50 PM IST

लखनऊ:राजधानी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123 वीं जयंती पर उन्हें याद किया गया. कहीं सांस्कृतिक प्रोग्राम किए गए तो कहीं उनको याद करते हुए उनके मार्गदर्शन से युवाओं को उत्सर्जित किया गया. वहीं दूसरी ओर अलीगंज स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस महिला डिग्री कॉलेज में दो दिवसीय प्रोग्राम रखा गया था.

इस कार्यक्रम में तमाम सांस्कृतिक प्रोग्राम का आयोजन किया गया. वहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष में राष्ट्रीय स्तर के कवियों ने सांध्य काव्य में भी शिरकत की. इस बीच कई कवि और कवियात्रियों ने उपस्थिति दर्ज कराते हुए मंच पर असीन होकर अपनी कविताओं से लोगों को आनंदित किया.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मनाई गई 123 वीं जयंती.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123 वीं पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन

  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123 वीं जयंती पर सांध्य काव्य का आयोजन किया गया.
  • इस कार्यक्रम में कवित्रीयों ने शिरकत करते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी भूमिका के बारे में बताया.
  • राष्ट्रीय कवि कमलेश मौर्य मृदु ने सुभाष चंद्र बोस के कार्यों का बखान किया.
  • उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का हमारी आजादी में बहुत बड़ा योगदान है.
  • उनकी फौज देश की आजादी के लिए पूरा बलिदान दिया है.
  • डॉ. कमला श्रीवास्तव ने कहा है कि सुभाष चंद्र बोस की बटालियन में महिलाओं को विशेष रूप से सम्मान दिया जाता था.
  • उस बटालियन में एक गाना चलता था 'कदम कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा'.
  • इस गाने को लेकर महिलाएं बराबर आगे रहीं और सुभाष चंद्र बोस भी चाहते थे कि महिलाएं आगे बढ़े.

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