लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) पीएफ घोटाला मामले में निरुद्ध तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी की तीसरी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि पूर्व की दो अर्जियों से भिन्न इस अर्जी में कोई नया तथ्य नहीं है.
सीबीआई की ओर से जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त ने निदेशक वित्त के पद पर रहते हुए अन्य लोक सेवकों के साथ मिलकर एक साजिश के तहत भारत सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन कर सीपीएफ व जीपीएफ का कुल 6 हजार 156 करोड़ रुपया प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों में स्वंय के लाभ के लिए निवेश किया. सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह का कहना था कि सात दिसंबर 2019 को पहली व 25 जून, 2020 को अभियुक्त की दूसरी जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है, जबकि इससे पहले 7 अप्रैल, 2020 को हाईकोर्ट से भी जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. तब से अब तक कोई नया तथ्य प्रकाश में नहीं आया है. लिहाजा यह अर्जी भी खारिज की जा रही है.