लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के आदेश पर सीबीआई, लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने अंसल बिल्डर्स पर प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर ली है. जांच शुरू होने से लखनऊ विकास प्राधिकरण के वर्तमान और पूर्व के अधिकारियों की धड़कनें तेज हो गई हैं. सीबीआई ने प्राधिकरण से अंसल बिल्डर्स से जुड़े दस्तावेज अपने कब्जे में कर लिए हैं. इससे पहले हाईकोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी ने सिंचाई विभाग और लखनऊ विकास प्राधिकरण से इस मामले से जुड़े दस्तावेज तलब करने शुरू कर दिए हैं.
अंसल बिल्डर्स की मुश्किलें बढ़ीं, सीबीआई ने दर्ज की प्रारंभिक जांच - CBI registers investigation against Ansal Builders
सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने अंसल बिल्डर्स पर प्रारंभिक जांच दर्ज कर ली है. भारत किशोर सिन्हा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि अंसल बिल्डर्स ने सिंचाई विभाग की जमीन अपनी टाउनशिप में मिला ली है और निर्माण भी करवा दिया है.
आरोप है कि अंसल बिल्डर्स ने सिंचाई विभाग की जमीन को अपनी टाउनशिप में मिला लिया और फिर उसमें निर्माण भी करवा दिया गया. जिसके बाद भारत किशोर सिन्हा ने इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की तो मामला सामने आया. अब इस मामले में हाईकोर्ट में अगली सुनवाई पांच मई को होगी. सुनवाई के दौरान सीबीआई हाईकोर्ट को अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी देगी. जिसमें प्रारंभिक जांच दर्ज किए जाने और एसआईटी के गठन शामिल है. वहीं, सीबीआई 24 मई को कोर्ट में पहली स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी.
इससे पहले बीते सोमवार को सीबीआई अधिकारियों की गठित एसआईटी ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से पूछताछ की थी. साथ ही सुशांत गोल्फ सिटी के लेआउट से संबंधित दस्तावेज, फाइलें भी सीबीआई ने कब्जे में ले ली थीं. वहीं सिंचाई विभाग की जमीन पर गोल्फ सिटी का कब्जा होने के मामले में सिंचाई विभाग के अधिकारी भी सीबीआई की रडार पर हैं. जिनसे जल्द ही पूछताछ हो सकती है. माना जा रहा है कि 22 अगस्त को हाईकोर्ट में जांच रिपोर्ट रखने के बाद कोर्ट सीबीआई को केस दर्ज करने का आदेश दे सकती है. यदि ऐसा होता है सीबीआई अंसल प्रॉपर्टीज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू करेगी. जिससे अंसल बिल्डर्स, सिंचाई विभाग और एलडीए के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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