लखनऊ : करीब 500 करोड़ रुपए का गबन करके फरार हुए रोहतास बिल्डर के नौ ठिकानों पर शुक्रवार को सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने छापेमारी की. इस दौरान सीबीआई को अहम दस्तावेज भी मिले हैं. कई स्थानों से फर्जी खातों व अकूत संपत्ति की जानकारियां भी मिली हैं. साथ ही नकदी भी बरामद की गई है. हालांकि इसकी जानकारी फिलहाल सीबीआई की ओर से नहीं दी गई है.
सीबीआई अब इस संबंध में जानकारी प्रवर्तन निदेशालय को देगी जिसके बाद में आगे की कार्रवाई होगी. सीबीआई के छापे लखनऊ, दिल्ली और गाजीपुर जिले के रोहतास कंपनी के ठिकानों पर की गई है. रोहतास कंपनी के निदेशक, निवेशक को अरबों रुपये का चूना लगाकर लंबे समय से फरार है. जिसके खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पहले से ही चल रही थी. लखनऊ में रोहतास के हजरतगंज में ऑफिस और मकान हैं.
दरअसल, रोहतास बिल्डर के मालिक परेश रस्तोगी की सम्पत्ति कुर्क करने की कर्रवाई करीब छह माह पहले ही शुरू हो गई थी. जालसाजी के मामले में उनके खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. हजरतगंज और गौतमपल्ली पुलिस ने रोहतास के निदेशकों के सुल्तानगंज चाैकी के पास स्थित आवास पर ये कार्रवाई की. मगर एक्शन तब हो रहा है, जब करीब पांच सौ करोड़ रुपए की ठगी रोहतास के निदेशक कर चुके हैं. करीब डेढ़ साल पहले तक कंपनी के अधिकारी राजधानी में थे, फोन उठाते थे, आराम से रहते थे. मगर तब उनको नहीं पकड़ा गया. उनको पूरा मौका दिया गया कि वे खेल करते रहें. बड़े घोटाले के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी गई.
उत्तर प्रदेश की राजधानी में पांच सौ करोड़ रुपए की जमीन रोहतास लिमिटेड ने निवेशकों से रुपये लेकर बिल्डरों को बेच दी है. जिसके बाद रोहतास के कर्ताधर्ता फरार हैं. पुलिस और प्रशासन कुर्की कर रहा है. मगर निवेशकों के हाथ खाली हैं. करीब 1500 निवेशकों की गाढ़ी कमाई लेकर बिल्डर फरार हैं. हाल ही में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के फोरेंसिक ऑडिट में हेराफेरी जिस तरह से की गयी, उसके बारे में जब विस्तार से जानकारी सामने आई, तो पता चला कि आम जनता के पैसों से खरीदी गयी ज़मीन जिस पर सुल्तानपुर रोड क्रिसेंट योजना आनी थी उसकी ज़मीन को वर्ष 2017 से कंपनियों को देना शुरू कर दिया गया था.