गोरखपुर: अखिलेश यादव की सरकार में हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले को लेकर सीबीआई की एंटी करप्शन विंग ने प्रदेश के 190 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इसको लेकर सोमवार को संत कबीर नगर जनपद के राप्ती नगर के गणेशपुर मोहल्ले में स्थित मेहदावल विधानसभा के भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल के आवास पर भी सीबीआई की 5 सदस्यीय टीम ने छापेमारी की है. इस दौरान मेहदावल विधायक के भाई और मेसर्स रितु कंस्ट्रक्शन अनमोल एसोसिएट ज्वाइंट वेंचर के मालिक अखिलेश कुमार सिंह के परिवार के सदस्यों से पूछताछ की और कागजों को खंगाला.
रिवर फ्रंट घोटालाः सीबीआई की लखनऊ समेत यूपी में 40 ठिकानों पर छापेमारी - सीबीआई की एंटी करप्शन विंग
17:51 July 05
गोमती रिवर फ्रंट घोटाला: भाजपा विधायक के भाई के आवास पर सीबीआई की छापेमारी
15:56 July 05
बुलंदशहर में ठेकेदार के घर पर सीबीआई ने की छापेमारी
सपा सरकार में हुए रिवरफ्रंट घोटाले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने कई राज्यों में 40 स्थानों पर छापे मारे हैं. इसी क्रम में सीबीआई की टीम बुलंदशहर के प्रीत विहार मोहल्ला में ठेकेदार राकेश भाटी के घर पहुंची. सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने ठेकेदार राकेश भाटी के घर में जांच-पड़ताल की और पूछताछ भी की. कार्रवाई के दौरान सीबीआई के अधिकारी लगभग 4 घंटे रहे. इस दौरान सीबीआई की टीम ने सभी के मोबाइल अपने कब्जे में ले लिए. जांच करने के बाद सीबीआई के अधिकारी गाड़ी में बैठ कर रवाना हो गए. इस कार्रवाई को लेकर ठेकेदार राकेश भाटी सियासी रेड बताते हुए कहा कि उनके यहां से घोटाले से संबंधित कोई दस्तावेज बरामद नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि 2022 को लेकर यह माहौल बनाया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने कोई गलत कार्य नहीं किया. उनके काम में कोई शिकायत नहीं है, फिर भी अधिकारियों ने रेड की है.
10:06 July 05
गोमती रिवर फ्रंट के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ स्वीकृत किए थे, जिसमें से 1437 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ. रिवर फ्रंट का काम करने वाली संस्थाओं ने 95 फीसदी बजट खर्च करके भी पूरा काम नहीं किया. 2017 में योगी सरकार ने रिवर फ्रंट की जांच के आदेश देते हुए न्यायिक आयोग गठित किया था.
लखनऊःसपा सरकार में हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने कार्रवाई शुरू कर दी है. रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने यूपी में लखनऊ समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की है. यूपी के साथ पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी सीबीआई की छापेमारी की है. इस मामले में सीबीआई की लखनऊ की एंटी करप्शन विंग ने रिवर फ्रंट घोटाले में करीब 190 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई ने यूपी में लखनऊ के अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा, आगरा में छापेमारी की है. सीबीआई की टीम ने उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 40 जगहों पर एक साथ छापेमारी शुरू की है. माना जा रहा है कि घोटाले में जांच की सुई समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं के तरफ भी जाएगी।
बता दें कि गोमती रिवर फ्रंट के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ स्वीकृत किए थे, जिसमें से 1437 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ. रिवर फ्रंट का काम करने वाली संस्थाओं ने 95 फीसदी बजट खर्च करके भी पूरा काम नहीं किया. सरकार और फिर सीबीआई की सक्रियता को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा था कि समाजवादी पार्टी के बड़े-बड़े नेता भी इस लपेटे में जरूर आएंगे. नेताओं का नाम तो अभी तक नहीं आया, लेकिन इस मामले में कुछ समय पहले सीबीआई ने सिंचाई विभाग के पूर्व एक्सईएन रूप सिंह यादव को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था. सीनियर असिस्टेंट राजकुमार यादव को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था. 2017 में योगी सरकार ने रिवर फ्रंट की जांच के आदेश देते हुए न्यायिक आयोग गठित किया था.
कंपनी की शर्तों पर किया गया बदलाव
जांच में सामने आया कि डिफाल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया. पूरे प्रोजेक्ट में करीब 800 टेंडर निकाले गए थे, जिसका अधिकार चीफ इंजीनियर को दे दिया गया था. मई 2017 में रिटायर्ड जज आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग से जांच की जिनकी रिपोर्ट में कई खामियां उजागर हुईं. आयोग की रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केंद्र को पत्र भेजा था.
ये हैं आरोप
गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर दागी कंपनियों को काम देने, विदेशों से महंगा सामान खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और अधिकारियों के विदेश दौरे में फिजूलखर्ची करने सहित वित्तीय लेन-देन में घोटाला करने और नक्शे के अनुसार कार्य नहीं कराने का आरोप है.
शिवपाल यादव थे तत्कालीन सिंचाई मंत्री
गोमती रिवर फ्रंट योजना की शुरुआत अखिलेश यादव सरकार में हुई थी. उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव सिंचाई मंत्री थे. गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर दागी कंपनियों को काम देने का आरोप है. इसके अलावा नेताओं और अधिकारियों के विदेश दौरे में फिजूलखर्ची समेत वित्तीय लेनदेन में घोटाला करने का भी मामला है.
अभियंताओं की मिलीभगत से नक्शे के अनुरूप कार्य नहीं कराने का आरोप है. इस पूरे मामले में कई अभियंताओं के खिलाफ पुलिस, ईडी और सीबीआई मामला दर्ज करके जांच कर रही है. सुरेश चंद्र गर्ग, एसएन शर्मा, काजिम अली, कमलेश्वर सिंह, शिवमंगल सिंह, सुरेंद्र यादव और रूप सिंह यादव जैसे सिंचाई विभाग के इंजीनियरों पर जांच चल रही है.
शिवपाल के करीबी के घर पहुंची सीबीआई
इटावा आवास विकास में रहने वाले ठेकेदार पुनीत अग्रवाल प्रसपा नेता शिवपाल सिंह के खास बताए जाते हैं. इन्होंने गोमती रिवर फ्रंट मैं ठेकेदारी की थी. जिसके चलते पुनीत अग्रवाल के नाम भी मुकदमा दर्ज है. आज दोपहर लखनऊ से पहुंची जांच एजेंसी टीम ने ठेकेदार पुनीत अग्रवाल के घर को सील कर दिया. इसके पहले जांच एजेंसी टीम इटावा पुलिस कप्तान से भी मिलने गई थी.
कई ठिकानों पर सीबीआई ने मारा छापा
रिवर फ्रंट घोटले में सीबीआई ने प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी की है. बुलंदशहर में कांग्रेस नेता के घर सीबीआई की रेड पड़ी. कॉन्ट्रेक्टर राकेश भाटी बुलंदशहर नगर में प्रीत विहार स्थित आवास पर सीबीआई ने की छापेमारी हुई है. कॉन्ट्रेक्टर के घर के अंदर खोजबीन और जांच में सीबीआई की टीम जुटी हुई है. राकेश भाटी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं.
इसके सीबीआई ने आगरा के विजयनगर कॉलोनी में सीबीआई ने छापा मारा है. सपा में अपना दबदबा रखने वाले नितिन गुप्ता के अनुपमा ट्रेडिंग कंपनी पर सीबीआई ने छापा मारा है. हालांकि नितिन गुप्ता अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. माना जा रहा है कि सीबीआई की एंटी करप्शन विंग को इस छापेमारी में बड़ी सबूत मिल सकते हैं.
इन लोकेशन पर सीबीआई ने की छापेमारी
1- शिव मंगल यादव, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, VI/XII सर्कल, सिंचाई विभाग, लखनऊ के आवासीय परिसर में 3/41, रुचि खंड -1, शारदा नगर, लखनऊ (उ.प्र.)
2- तत्कालीन अधीक्षक रूप सिंह यादव का आवासीय परिसर. अभियंता/कार्यपालक अभियंता/कार्यपालक अभियंता, सातवीं/बारहवीं मंडल, सिंचाई विभाग, लखनऊ, 505, शिवालिक अपार्टमेंट, कौशाम्बी, गाजियाबाद (यूपी) में स्थित है.
3- तत्कालीन अधीक्षक रूप सिंह यादव का आवासीय परिसर। अभियंता/कार्यपालक अभियंता/कार्यपालक अभियंता, सातवीं/बारहवीं मंडल, सिंचाई विभाग, लखनऊ, प्लॉट संख्या 409 ई, एनआरआई सिटी, ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्ध नगर (यूपी) में स्थित है.
4- सिद्ध नारायण शर्मा का आवासीय परिसर @ एस.एन. शर्मा, तत्कालीन मुख्य अभियंता, शारदा सहायक, सिंचाई विभाग, लखनऊ, ए-1102, सन में स्थित.
5- ब्रिज अपार्टमेंट, वैशाली, सेक्टर-5, गाजियाबाद (यूपी). तत्कालीन अधीक्षक अखिल रमन का आवासीय परिसर. इंजीनियर, VII सर्कल, सिंचाई विभाग, लखनऊ, एच.एन. 1/130, विपुल खंड-1, गोमती नगर, लखनऊ 5.
6- ओम वर्मा, तत्कालीन मुख्य अभियंता, वी सर्कल, बरेली का आवासीय परिसर. सिंचाई विभाग, बरेली, स्थित 11/426, सेक्टर-11, विकास नगर, लखनऊ (यूपी)
7- काज़िम अली, तत्कालीन मुख्य अभियंता, शारदा सहायक, सिंचाई विभाग, लखनऊ का आवासीय परिसर, फ्लैट नंबर 509, द कैसल ', एफएम टॉवर के पास, अनूप शहर रोड, अलीगढ़ (यूपी).
8- तत्कालीन अधीक्षक जीवन राम यादव का आवासीय परिसर. इंजीनियर, वी सर्कल बरेली, सिंचाई विभाग, बरेली, एच. नंबर 11/90, इंदिरा नगर, लखनऊ (यूपी) में स्थित है.
9- तत्कालीन अधीक्षक सुरेंद्र कुमार पाल का आवासीय परिसर. इंजीनियर, सीतापुर अंचल, सिंचाई विभाग, सीतापुर, ए-137, साउथ सिटी, रायबरेली रोड, लखनऊ (यूपी) स्थित है.
10- तत्कालीन अधीक्षक कमलेश्वर सिंह का आवासीय परिसर। इंजीनियर, VII सर्कल, सिंचाई विभाग, लखनऊ, 14, न्यू विकास कॉलोनी, सेक्टर -7, विकास नगर, लखनऊ (यूपी) में स्थित है.
11- मोहम्मद आसिफ खान का आवासीय/आधिकारिक परिसर, मालिक, जी-201, शल अपार्टमेंट, महानगर, लखनऊ (यूपी) में स्थित मैसर्स तराई कंस्ट्रक्शन.
12- मोहन गुप्ता, निदेशक मैसर्स हाईटेक सक्षम बिल्डर्स प्रा. का आवासीय/आधिकारिक परिसर. लिमिटेड, जी -17, चरण -1, औद्योगिक क्षेत्र, भिवाड़ी, अलवर (राजस्थान) में स्थित है.
13- अंगेश कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक, मैसर्स अंगराज सिविल प्रोजेक्ट्स प्रा. का आवासीय/आधिकारिक परिसर. लिमिटेड, सी -36 पर स्थित, जलालपुर क्रॉसिंग के पास, राजाजीपुरम, लखनऊ (यूपी).
14- सत्येंद्र त्यागी, प्रोपराइटर, मेसर्स ग्रीन डेकोर का आवासीय/आधिकारिक परिसर, 572, सेक्टर-29, नोएडा, गौतमबुद्ध नगर (यूपी) में स्थित है.
15- विक्रम अग्रवाल का आवासीय/आधिकारिक परिसर, मैसर्स ए.वी.एस. इंटरप्राइजेज, शिवपुरी कॉलोनी, बाबा अस्पताल के सामने, छोटी नहरिया, देवा रोड, चिनहट, लखनऊ (यूपी)। 16. श्री विक्रम अग्रवाल का आवासीय/आधिकारिक परिसर, मैसर्स ए.वी.एस. एंटरप्राइजेज, ई 5 और 6, सीआईडी कॉलोनी, गोले मार्केट, महानगर, लखनऊ (यूपी).
16- तत्कालीन अधीक्षक जीवन राम यादव का आवासीय परिसर। इंजीनियर, वी सर्कल बरेली, सिंचाई विभाग, बरेली, एच. नंबर 11/90, इंदिरा नगर, लखनऊ (यूपी) में स्थित है.
17- तत्कालीन अधीक्षक सुरेंद्र कुमार पाल का आवासीय परिसर. इंजीनियर, सीतापुर सर्कल, सिंचाई विभाग, सीतापुर, ए-137, साउथ सिटी, रायबरेली रोड, लखनऊ (यूपी) में स्थित है.
18- तत्कालीन अधीक्षक कमलेश्वर सिंह का आवासीय परिसर. इंजीनियर, VII सर्कल, सिंचाई विभाग, लखनऊ, 14, न्यू विकास कॉलोनी, सेक्टर -7, विकास नगर, लखनऊ (यूपी) में स्थित है.
19 -मोहम्मद का आवासीय/आधिकारिक परिसर। आसिफ खान, मालिक, जी-201, शल अपार्टमेंट, महानगर, लखनऊ (यूपी) में स्थित मैसर्स तराई कंस्ट्रक्शन।
20- मोहन गुप्ता, निदेशक मैसर्स हाईटेक सक्षम बिल्डर्स प्रा. का आवासीय/आधिकारिक परिसर। लिमिटेड, जी -17, चरण -1, औद्योगिक क्षेत्र, भिवाड़ी, अलवर (राजस्थान) में स्थित है.
21- अंगेश कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक, मैसर्स अंगराज सिविल प्रोजेक्ट्स प्रा. का आवासीय/आधिकारिक परिसर। लिमिटेड, सी -36 पर स्थित, जलालपुर क्रॉसिंग के पास, राजाजीपुरम, लखनऊ (यूपी).
22- सत्येंद्र त्यागी, प्रोपराइटर, मेसर्स ग्रीन डेकोर का आवासीय/आधिकारिक परिसर, 572, सेक्टर-29, नोएडा, गौतमबुद्ध नगर (यूपी) में स्थित है.
23- विक्रम अग्रवाल का आवासीय/आधिकारिक परिसर, मैसर्स ए.वी.एस. इंटरप्राइजेज, शिवपुरी कॉलोनी, बाबा अस्पताल के सामने, छोटी नहरिया, देवा रोड, चिनहट, लखनऊ (यूपी). विक्रम अग्रवाल का आवासीय/आधिकारिक परिसर, मैसर्स ए.वी.एस. एंटरप्राइजेज, ई 5 और 6, सीआईडी कॉलोनी, गोले मार्केट, महानगर, लखनऊ (यूपी).
25- अखिलेश कुमार सिंह का आवासीय/आधिकारिक परिसर, मेसर्स रिशु कंस्ट्रक्शन अनमोल एसोसिएट्स ज्वाइंट वेंचर के मालिक, डी-1215, पोस्ट ऑफिस से पहले, इंदिरा नगर, लखनऊ (यू.पी.).
26- अखिलेश कुमार सिंह का आवासीय/आधिकारिक परिसर, मैसर्स रिशु कंस्ट्रक्शन अनमोल एसोसिएट्स ज्वाइंट वेंचर के मालिक मोहल्ला गणेशपुरम, राप्ती नगर, पीएस शाहपुर, गोरखपुर (यूपी) में स्थित है.
27- आवासीय परिसर/अधिकारी अखिलेश कुमार सिंह, मेसर्स रिशु कंस्ट्रक्शन अनमोल एसोसिएट्स ज्वाइंट वेंचर के मालिक 3/522, विशाल खंड, सिटी मोंटेसरी स्कूल के पास, गोमती नगर, लखनऊ (यूपी).
28- नितिन गुप्ता, मैसर्स अन्नपूर्णा ट्रेडिंग कंपनी, 94, पुरानी विजय नगर कॉलोनी, आगरा (उ.प्र.) के भागीदार का आवासीय/आधिकारिक परिसर.
29- राकेश भाटी, ठेकेदार, प्रीत विहार मोहल्ला, बुलंदशहर स्थित आवास.