लखनऊ:रिवर फ्रंट घोटाले में कार्रवाई का दौर मंगलवार को भी जारी रहा. CBI की टीम ने मंगलवार को मेरठ में सीनियर IAS के ससुराल में छापा मारा. दरअसल, रिवर फ्रंट योजना में वैदिक प्रोजेक्ट प्रा.लि. ने काम किया था और उस प्रोजेक्ट के CEO हरपाल सिंह हैं, जो सीनियर IAS के रिश्तेदार हैं. मेरठ में उनका मुख्य कार्यालय और आवास है. सीबीआई ने सीनियर IAS के रिश्तेदारों के घर से दस्तावेज भी बरामद किए हैं. इस जांच के दौरान एक नाम गौरव चौधरी का भी सामने आया है. यह भी सीनियर IAS का रिश्तेदार बताया जा रहा है. सीबीआई द्वारा दर्ज की गई FIR में इन दोनों आरोपियों का नाम शामिल है.
407 करोड़ रुपये मिले दस्तावेज
बीती 5 जुलाई यानी सोमवार को CBI ने पश्चिम बंगाल, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में एक साथ 40 ठिकानों पर छापे मारे थे. CBI टीम अभी भी अफसरों और नेताओं के घर पर दस्तावेज तलाश रही है. अब तक की छापेमारी में चार IAS अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम सामने आ चुके हैं. अब तक की सीबीआई की छापेमारी में 407 करोड़ रुपये के विभिन्न कार्यों में लापरवाही और घोटाले के दस्तावेज मिले हैं. सीबीआई की जांच में 16 प्रशासनिक अफसरों समेत 190 लोगों को आरोपी बनाया गया है.
सीबीआई की जांच में सामने आया है कि अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव और एसएन शर्मा ने मिलीभगत कर खुद ही फ्रांस की कंपनी को म्यूजिकल फव्वारा लगाने का काम दे दिया था. चीफ इंजीनियर अखिल रमन, अधीक्षण अभियंता एसएन शर्मा और रूप सिंह यादव ने बिना किसी अधिकार के अपने पद का दुरुपयोग किया. रूप सिंह ने सीधे फ्रांस की कंपनी मेसर्स एक्वाटिक शो को पत्र लिख दिया और उन्हें टेंडर में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ बुलाया. इस टेंडर में भी लोएस्ट-वन आदि को लेकर कोई निविदा प्रकाशित नहीं की गई. उन्हें महज कोटेशन के आधार पर काम दे दिया गया. नियमत: शासन स्तर पर टेंडर निकाल कर खरीद की जानी चाहिए थी, ताकि अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी टेंडर में हिस्सा ले पातीं. CBI अब इससे जुड़े लोगों से पूछताछ करने का मन बना रही है.
गोरखपुर में भाजपा विधायक राकेश बघेल के घर पर भी सोमवार को CBI ने छापेमारी की थी. भाडपा विधायक के भाई इस मामले में आरोपी हैं. इस दौरान CBI ने दस्तावेजों के अलावा 5 लाख रुपये नगद भी बरामद किए हैं. विधायक इन पैसों का हिसाब नहीं दे पाए हैं. CBI अब विधायक राकेश पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है.