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रिटायर्ड IAS सच्चिदानंद दुबे के खिलाफ CBI को मिली केस चलाने की मंजूरी - मनरेगा घोटाले की जांच

रिटायर्ड आईएएस सच्चिदानंद दुबे पर शासन ने सीबीआई को केस चलाने की मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी बलरामपुर में जिलाधिकारी रहने के दौरान हुए मनरेगा घोटाले को लेकर दी गई है. इसके अलावा सच्चिदानंद पर कई आरोप हैं.

सच्चिदानंद दुबे
सच्चिदानंद दुबे

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Published : Nov 30, 2020, 3:43 PM IST

लखनऊः रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सच्चिदानंद दुबे की मुश्किलें अब और बढ़ने वाली हैं. बलरामपुर में जिलाधिकारी रहते हुए मनरेगा में बड़ा घोटाला हुआ था. इस घोटाले को लेकर अब शासन ने सीबीआई को उन पर केस चलाने की मंजूरी दे दी है, जिसके चलते उन्हें अब कोर्ट में सरेंडर भी करना होगा.

मिड-डे मील घोटाले में भी चल रहा केस
आईएएस अधिकारी सच्चिदानंद दुबे 2014 में जब वह मैनपुरी के डीएम थे, तब उनके आवास पर सीबीआई ने छापा मारकर 51 लाख की नकदी पकड़ी थी. वहीं उनको गिरफ्तार भी किया गया था. इसके बाद कई मामले उन पर दर्ज किए गए. इनमें मिड-डे मील घोटाले में भी उनके खिलाफ सीबीआई ने FIR दर्ज कराई थी. फिलहाल 4 मामलों में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है.

मनरेगा घोटाले में सीबीआई को केस चलाने की मिली मंजूरी
मनरेगा घोटाले की जांच कर रही सीबीआई को रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सच्चिदानंद दुबे के खिलाफ अब शासन ने केस चलाने की मंजूरी दे दी है. बलरामपुर में जिलाधिकारी रहते हुए 2007 से लेकर 2009 तक उन्होंने मनरेगा में बड़े पैमाने पर अनियमितता की है. वहीं इसके बाद 2014 में मैनपुरी के जिला अधिकारी रहते हुए सीबीआई ने उनके आवास पर छापा मारकर 51 लाख बरामद किए थे. जांच में पाया गया कि ये पैसे मनरेगा से एकत्र किए गए थे.

4 मामलों में हो चुकी है चार्जशीट दाखिल
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सच्चिदानंद दुबे मनरेगा घोटाला के अलावा कई मामलों में आरोपी हैं. उनमें से 4 मामलों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. वहीं मिड-डे मील घोटाले में भी उनके खिलाफ जांच अभी जारी है. 2007 से 2009 तक बलरामपुर में जिलाधिकारी रहते हुए मनरेगा और मिड-डे मील में घोटाले हुए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है.

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