उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

गोमती रिवरफ्रंट घोटाला: आरोपियों से पूछताछ में CBI को मिले अहम सबूत - लखनऊ समाचार

सपा शासन काल में हुए गोमती रिफरफ्रंट घोटाले में सीबीआई ने चार दिन पहले 2 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव समेत एक लिपिक से पूछताछ में सीबीआई को कई अहम सबूत मिले हैं. इन सबूतों के आधार पर जल्द ही कुछ अन्य लोग भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं.

गोमती रिवरफ्रंट घोटाला
गोमती रिवरफ्रंट घोटाला

By

Published : Nov 24, 2020, 3:15 PM IST

Updated : Nov 24, 2020, 4:01 PM IST

लखनऊ:राजधानी में अखिलेश यादव सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना गोमती रिवर फ्रंट में हुए घोटाले में सीबीआई सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव समेत एक लिपिक को गिरफ्तार कर चुकी है. दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पूछताछ में सीबीआई को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं. इस मामले में सीबीआई जल्द ही सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर और लिपिक से पूछताछ के आधार पर कुछ और लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है.


गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में गिरफ्तार आरोपियों से मिले अहम सबूत
सीबीआई ने 4 दिन पहले सपा सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना गोमती रिवर फ्रंट में हुए घोटाले को लेकर सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव और एक लिपिक को गिरफ्तार किया था. दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई. सीबीआई ने इंजीनियर और लिपिक से कई सवाल किए. सीबीआई ने चीफ इंजीनियर से सवाल किया कि आखिर काम पूरा हुए बगैर ही 90 फीसदी धनराशि कैसे खर्च कर दी गई, जबकि काम साथ 60 फीसदी भी पूरा नहीं हुआ था. इसके अलावा सीबीआई ने यह भी पूछा कि इस मामले में किस-किस को लाभ पहुंचाया गया और किसको कितनी रकम बांटी गई. काम का आवंटन और भुगतान किसके कहने पर किया गया. हालांकि इन सवालों के जवाब सीबीआई को मन मुताबिक नहीं मिले हैं, लेकिन सीबीआई को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं जिनके जरिए जल्द ही कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.

क्या था गोमती रिवरफ्रंट घोटाला
अखिलेश यादव सरकार ने 2012 से 2017 के बीच गोमती रिवर फ्रंट परियोजना पर काम किया था. राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के दोनों तरफ सौंदर्यीकरण के लिए सिंचाई विभाग की तरफ से 1,513 करोड़ के बजट से यह काम किया जाना था, लेकिन काम पूरा हुए बगैर ही 95 फीसदी धनराशि को खर्च कर दिया गया जबकि काम 40 फीसदी काम अधूरा पड़ा हुआ था. प्रदेश में योगी सरकार ने आते ही इस मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में समिति का गठन किया. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में गोमती रिवर फ्रंट में घोटाले की बात कही और कई लोगों की गिरफ्तारी की संस्तुति भी की. नवंबर 2017 में यह पूरा प्रकरण प्रदेश सरकार की सिफारिश के बाद सीबीआई को जांच के लिए दे दिया गया. सीबीआई इस मामले में अब तक 2 गिरफ्तारियां कर चुकी है.

Last Updated : Nov 24, 2020, 4:01 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details