लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बड़ी आपराधिक घटनाओं में पुलिस कर्मचारियों की संलिप्तता और अधिकारियों की लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं. बिकरु कांड में पुलिस कर्मचारियों की अपराधियों के साथ सांठगांठ और अधिकारियों की लापरवाही को लेकर एसआईटी जांच कर रही है. अब तक कई अधिकारियों और कर्मचारियों से बयान दर्ज कराए गए हैं. वहीं दूसरी ओर उन्नाव के बहुचर्चित दुष्कर्म मामले को लेकर सीबीआई ने उन्नाव में तैनात रहे अधिकारियों को लापरवाही का दोषी पाया है. जांच में कई पुलिस कर्मचारियों को घटना में कुलदीप सिंह सेंगर का सहयोगी पाते हुए और निष्पक्ष जांच न करने का आरोपी मानते हुए चार्जशीट भी दाखिल की है.
पुलिस की मिलीभगत और अधिकारियों की लापरवाही हो रही उजागर
उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव दुष्कर्म कांड में सीबीआई की चार्जशीट के बाद हाईकोर्ट से कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. इसी के साथ सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में 4 अधिकारियों को दोषी मानते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है. सीबीआई की संस्तुति के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि दुष्कर्म मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ शासन कार्रवाई कर सकता है.
अधिकारियों की लापरवाही का जिक्र
सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि तत्कालीन डीएम उन्नाव रहे आदित्य सिंह, पूर्व एसपी उन्नाव पुष्पांजलि सिंह, पूर्व एसपी उन्नाव नेहा पांडे सहित पूर्व अपर पुलिस अधीक्षक अष्टभुजा सिंह को दुष्कर्म मामले में लापरवाही का दोषी मानते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है. चारों अधिकारियों की लापरवाही का जिक्र करते हुए सीबीआई की ओर से शासन को एक पत्र लिखा गया है, जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ शासन जल्द कार्रवाई कर सकता है.