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सीडीए का एडिटर मांग रहा था रिश्वत, सीबीआई ने दर्ज कराया केस - रिश्वत

राजधानी में कंप्यूटर सप्लाई करने वाली लखनऊ की फर्म के भुगतान के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में मेरठ में तैनात कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (सीडीए) के ऑडिटर आशुतोष यादव की गर्दन फंसती नजर आ रही है. सीबीआई अधिकारियों का कहना है प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाई गई है. जिसके तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

सीबीआई की प्रारंभिक जांच में शिकायत सही
सीबीआई की प्रारंभिक जांच में शिकायत सही

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Published : Mar 1, 2021, 7:46 AM IST

लखनऊ : कंप्यूटर सप्लाई करने वाली लखनऊ की फर्म के भुगतान के लिए मेरठ का कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंटस (सीडीए) का ऑडिटर आशुतोष यादव रिश्वत मांग रहा था. इसकी शिकायत सीबीआई से की गई थी. जांच में शिकायत सही पाए जाने पर सीबीआई ने ऑडिटर के विरुद्ध केस दर्ज कराया है.

सीबीआई के एक अफसर के मुताबिक, लखनऊ स्थित सेंचुरी कंप्यूटर्स के प्रोपराइटर अब्दुल हलीम ने शिकायत की थी कि उन्होंने जेम पोर्टल के माध्यम से दो दिसंबर, 2020 को मेरठ स्थित डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स से सात कंप्यूटरों की आपूर्ति का ऑर्डर 2.06 लाख रुपये पर लिया था. कंप्यूटरों की आपूर्ति करने के बाद भुगतान के लिए बिल सीडीए भेज दिया था. शिकायतकर्ता के अनुसार, उनके बिल सीडीए का ऑडिटर आशुतोष यादव लंबित रखे हुए था.


भुगतान का दो फीसदी मांगा रिश्वत
ऑडिटर से संपर्क करने पर उसने भुगतान के लिए दो फीसदी रिश्वत की मांग की. इसके अलावा आशुतोष का कहना था कि पहले जो आगरा स्थित आर्मी बेस वर्कशॉप को डिलीवरी की गई, उसका पांच लाख रुपये के बिल का भुगतान भी उसने ही किया था, इसलिए उसका भी दो फीसद कमीशन देना होगा. रिश्वत की रकम मंगाने के लिए ऑडिटर ने कमल भट्ट नामक व्यक्ति का स्टेट बैक ऑफ इंडिया का अकाउंट नंबर उनके वाट्सएप पर भेजा और कॉल करके कहा कि अगर 23 फरवरी तक रिश्वत के दस हजार रुपये देने पर भुगतान होगा.

हालांकि, बाद में सौदा सात हजार रुपये में तय हुआ. साक्ष्य जुटाकर हलीम ने सीबीआई में शिकायत दर्ज करा दी. सीबीआई अधिकारियों का कहना है प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाई गई है. मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

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