लखनऊः मनरेगा घोटाला मामले को लेकर आईएएस अधिकारी प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास श्री कृष्ण के खिलाफ सीबीआई ने अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी. लेकिन एक साल के इंतजार के बाद अभीतक इसकी स्वीकृति नहीं मिल सकी है. राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है. वहीं अब सीबीआई दोबारा से राज्य सरकार को पत्र लिखने जा रही है. फिलहाल आईएएस अधिकारी श्री कृष्ण रिटायर हो चुके हैं. अभियोजन की स्वीकृति न मिलने की वजह से इस मामले में जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है.
आरोपी IAS श्री कृष्ण के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति का CBI को इंतजार
उत्तर प्रदेश में हुए मनरेगा घोटाले में सीबीआई को एक आईएएस के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिलने का एक साल से इतंजार है. सीबीआई ने आईएएस अधिकारी प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास श्री कृष्ण के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति को मांगी थी.
CBI को स्वीकृति का इंतजार
मनरेगा में कई जिलों में घोटाले हुये थे. जिसको लेकर एंटी करप्शन ब्रांच ने घोटाले में गोंडा, बलरामपुर, महोबा, कुशीनगर, मिर्जापुर, संत कबीर नगर, सोनभद्र में एफआईआर दर्ज कराई थी. साल 2007 से 2010 के बीच किये गये करोड़ों रुपये के मनरेगा घोटाले के वक्त ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव के पद पर श्री कृष्ण की तैनाती थी. फिलहाल इस मामले में सीबीआई की जांच जारी है. श्री कृष्ण से पूछताछ के लिए बीते 1 साल से सीबीआई को अभियोजन की स्वीकृति मिलने का इंतजार है. अभी तक यूपी सरकार ने अपनी स्वीकृति नहीं दी है. वहीं दोबारा से सीबीआई सरकार से स्वीकृति लेने की कोशिश में जुटी हुई है. अगर स्वीकृति मिल जाती है, तो रिटायर हो चुके आईएएस अधिकारी श्री कृष्ण की मुश्किलें बढ़ना तय है.