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TMC के पूर्व सांसद समेत 7 के खिलाफ CBI ने दर्ज किया मुकदमा - पूर्व सांसद केडी सिंह पर मुकदमा

सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के पूर्व सांसद केडी सिंह समेत सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्जकर जांच शुरू की है. मामले को लेकर कानपुर में 2019 में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसको सीबीआई ने आधार बनाया है.

CBI की एंटी करप्शन ब्रांच ने TMC के पूर्व सांसद समेत 7 के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा
CBI की एंटी करप्शन ब्रांच ने TMC के पूर्व सांसद समेत 7 के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा

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Published : Apr 12, 2021, 3:18 PM IST

लखनऊ:सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने करोड़ों रुपये की धांधली के मामले में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद केडी सिंह समेत सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. केडी सिंह की एलके केमिस्ट टाउनशिप इंडिया लिमिटेड, एल केमिस्ट होल्डिंग लिमिटेड के जरिए निवेशकों को प्लॉट, विला ,फ्लैट देने के नाम पर करोड़ों रुपये की रकम हड़प ली गई. वहीं इस मामले में कानपुर में 2019 में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसको सीबीआई ने आधार बनाया है.


तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद के खिलाफ सीबीआई जांच

सीबीआई की लखनऊ स्टेट एंटी करप्शन ब्रांच ने तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद केडी सिंह समेत सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है और जांच शुरू की है. कानपुर नगर कोतवाली में 2019 में केडी सिंह की दो कंपनियों के खिलाफ प्लॉट ,विला और फ्लैट देने के नाम पर निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई थी, जिसका मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में 7 आरोपी थे. वहीं ईडी भी इस मामले में जांच कर रही है. 239 करोड रुपये की संपत्तियां अब तक जब्त की जा चुकी है, जिसमें हिमाचल, हरियाणा और पंजाब की भी संपत्तियां शामिल हैं.


सीबीआई के मुकदमे में कौन-कौन है शामिल


सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच में दर्ज हुए मुकदमे में केडी सिंह के अलावा उनकी कंपनी के निदेशक सत्येंद्र सिंह, सुचेता खेमका, जय श्री प्रकाश सिंह, बृजमोहन महाजन ,छत्रसाल सिंह, नरेंद्र सिंह राणावत, नंदकिशोर सिंह को आरोपी बनाया गया है. इस मामले में सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की गई है. वहीं पूर्व सांसद केडी सिंह की कंपनियों ने 2010 में प्लॉट मकान देने और 18 फ़ीसदी ब्याज देने का लालच निवेशकों को दिया था और बाद में निवेशकों की रकम डूब गई.

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