लखनऊ: फिरोजाबाद-मथुरा में बुखार कहर बरपाता रहा, लेकिन यहां के अफसर कई दिनों तक हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे. वहीं बच्चे समेत कई मरीज असमय मौत का शिकार होते रहे. स्थिति यह रही कि मरीजों की जांच तक नहीं कराईं गई. जिसका खुलासा शासन को भेजी रिपोर्ट में हुआ है. जहां मरीजों की मौत का कारण अज्ञात लिखा हुआ है.
यूपी के फिरोजाबाद-मथुरा में बुखार को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. इस जानलेवा बुखार के डेंगू, मलेरिया व बैक्टीरिया कारण भी रहे हैं. मगर, जिले के स्वास्थ्य अधिकारी कई दिनों तक बीमारी से मुंह फेरे रहे. सीजनल वायरल समझकर समस्या को दरकिनार करते रहे. ऐसे में स्थिति भयावह होती गई. मीडिया में जब मामला उछला तो सीएम ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य से रिपोर्ट तलब की. वहीं, 15 एक्सपर्ट की टीम को भेजा गया. साथ ही फिरोजाबाद के सीएमओ को हटाया गया. जिसके बाद जिले के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के कारनामें उजागर हो रहे हैं.
44 में से 42 मौतों का राज गहराया
फिरोजाबाद में अब तक 44 मौतें हुई हैं. शासन को मिली रिपोर्ट में 42 बुखार पीड़ित मरीजों की मौत का कारण अज्ञात लिखा हुआ है. इन मरीजों में बुखार की वजह क्या थी, इसकी जांच ही नहीं हुई थी. ऐसे में यह मौतें यूं हीं कागजों में दफन हो जाएंगी. अब शासन की सख्ती के बाद जांच फिर से शुरू हुईं है. बुधवार को 2 बच्चों की हुई. जहां मौत का कारण डेंगू दर्ज किया गया.
राज्य संचारी रोग निदेशक मेजर डॉ. जीएस बाजपेई के मुताबिक अब तक कुल 44 मौतें बुखार पीड़ितों की फिरोजाबाद में हुईं. इसमें 2 में डेंगू की पुष्टि हुई. अन्य मरीजों की जांच भी नहीं हुई थी. वहीं, मथुरा में 26 बुखार के मरीजों में स्क्रब टाइफस मिला. फिरोजाबाद में बीमारी भयावह हो गई है. अभी भी 297 बच्चे बुखार से पीड़ित हैं. इन मरीजों की जांच जारी है. डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक बुखार का कारण डेंगू, मलेरिया, स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पेरोसिस पाया जा रहा है.
बीमारी फैलाने के जिम्मेदार
मुख्य चिकित्सा अधिकारी
जिला मलेरिया अधिकारी
नगरीय मलेरिया अधिकारी
नगर स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी
नगर निगम के अधिकारी
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