लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में अब कुछ ही महीने रह गए हैं. ऐसे में सभी पार्टियां जातिगत समीकरणों (Caste Votes) को साधने में जुट गई है. विपक्षी जहां बागी नेताओं को पार्टी में सम्मान दे रहा है तो वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने भी जातिगत कार्ड खेलना शुरु कर दिया है. रविवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन' (Social Representative Community Meetings) को संबोधित कर इसकी शुरुआत भी कर दी है.
सीएम योगी ने मंच से संबोधित करते हुए ओबीसी वर्ग में आने वाले कुम्हार समुदाय को 'प्रजापति समाज' (Prajapati Samaj) के नाम से संबोधित किया. बताया जा रहा है कि भाजपा 31 अक्टूबर तक राज्यभर में ऐसे 27 'सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन' आयोजित करने जा रही है. इस सम्मेलन को विपक्ष के जातिगत समीकरणों की काट के रूप में भी देखा जा रहा है. सपा जहां 'विजय रथ यात्रा' (Vijay Rath Yatra) के जरिए जन जन तक पहुंचने के लिए गली कूचे में जा रही है. वहीं बसपा ब्राह्मण समाज को रिझाने के लिए 'ब्राह्मण सम्मेलन' का आयोजन कर रही. साथ ही पार्टी ने चुनाव जीतने पर परशुराम की मूर्ति बनवाने की घोषणा भी कर दी है. वहीं आम आदमी पार्टी ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए 'चाणक्य विचार सम्मेलन' कर रही है.
एक ओर जहां विपक्ष जोर शोर से लगा हुआ है. वहीं 17 अक्टूबर को लखनऊ में बीजेपी द्वारा आयोजित सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में सीएम योगी ने कुम्हार समाज को भाजपा से जोड़ने की कोशिश की. सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगी ने कुम्हारों की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अपनी सरकार के प्रयासों के बारे में बताया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अयोध्या में दीपावली के लिए 9 लाख दीयों का उपयोग किया जाएगा और इन दीयों की खरीद सरकार क्षेत्र के कुम्हारों से करेगी. सीएम ने कहा कि कुम्हारों की मदद के लिए माटी कला बोर्ड की स्थापना की गई थी.
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