लखनऊ :योगी सरकार ने कामकाज शुरू कर दिया है. ऐसे में कर्मियों को कैशलेस इलाज मुहैया कराने का तोहफा देने की तैयारी हो रही है. उम्मीद है कि 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री योजना को लांच कर सकते हैं. अप्रैल के अंत तक इसका लाभ मिलने लगेगा. आयुष्मान कार्ड की तर्ज पर सभी के स्टेट हेल्थ कार्ड बनेंगे.
20 लाख के करीब हैं कर्मी, छह साल से फंसा मामला :यूपी में करीब 20 लाख के करीब राज्य कर्मचारी हैं. वहीं, पारिवारिक सदस्य मिलाकर 88 लाख के लगभग हैं. बड़ी तादाद होने के बावजूद अभी तक इन्हें 'कैशलेस इलाज' का लाभ नहीं मिल रहा था. ऐसे में इलाज के बिलों के रिम्बर्समेंट लिए कर्मियों को विभाग, अस्पताल व सीएमओ दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इस दरम्यान इलाज के बिलों में कटौती पर अक्सर विवाद छाए रहते हैं. लिहाजा, कर्मचारी संगठनों ने कैशलेस इलाज को लेकर पांच वर्ष पहले हुंकार भरी. इसके बाद तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2016 में कर्मियों के कैशलेस कार्ड बनवाए. मगर, इलाज के भारी बजट के अंदेशा को लेकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया.
निजी अस्पताल में 5 लाख तक का इलाज :स्टेट हेल्थ एजेंसी की सीईओ संगीता सिंह के मुताबिक कर्मचारी का स्टेट हेल्थ कार्ड व योजना का क्रियान्वयन सरकारी एजेंसी साची द्वारा होगा. इसके लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज, संस्थानों के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को 200 करोड़ को कार्पस फंड मिलेगा. वहीं, चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को 100 करोड़ का फंड मिलेगा. इससे कर्मियों को अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिल सकेगा. वहीं, निजी अस्पताल में 5 लाख तक का इलाज करा सकेंगे. यह अस्पताल आयुष्मान योजना से संबद्ध वाले होंगे.