लखनऊ : बीती 17 जून को लखनऊ के निगोहां रेलवे स्टेशन पर लूप लाइन की पटरी फैल गई थी. इसी पटरी से नीलांचल एक्सप्रेस गुजर गई थी. गनीमत यह रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ था. ट्रेन के लोको पायलट ने तत्परता दिखाते हुए ट्रेन रोक दी थी और इसकी सूचना रेलवे अधिकारियों को दी थी. इसके बाद तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई थी. टीम ने इस पूरी घटना की रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को सौंप दी है. सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में पटरी की मरम्मत में लापरवाही की बात सामने आई है. जांच टीम ने दो रेलपथ उप निरीक्षकों को जिम्मेदार ठहराया है, उन्हें चार्जशीट दी गई है, साथ ही ट्रेन के लोको पायलट की तारीफ की है.
जगन्नाथ पुरी से लखनऊ की ओर बीती 17 जून को आ रही नीलांचल एक्सप्रेस को निगोहां स्टेशन पर मुख्य लाइन की जगह लूप लाइन पर भेजा गया था. मुख्य लाइन पर मालगाड़ी ठहरी हुई थी. ऐसे में लूपलाइन से स्लो स्पीड से गुजरते हुए नीलांचल एक्सप्रेस के गार्ड को तेज झटका लगा था. गार्ड ने देखा कि ट्रेन के निकलते ही पटरी में फैलाव आ गया था. गार्ड की सूचना पर लोको पायलट ने ट्रेन को रोक दिया था. ट्रेन के न रुकने की दशा में दुर्घटना हो सकती थी. देर शाम तक इंजीनियरिंग अनुभाग की टीम ने पटरी के फैलने की गड़बड़ी को ठीक कर लिया था. इस घटना की जांच कर रही यांत्रिकी, परिचालन और अभियांत्रिकी अनुभाग के अधिकारियों की समिति और डीआरएम एसके सपरा ने निगोहां स्टेशन का निरीक्षण किया था. घटना से जुड़े लोको पायलट, गार्ड और स्टेशन मास्टर से पूछताछ की गई थी. रेलकर्मियों के बयान दर्ज किए गए थे. पटरी के अनुरक्षण और निरीक्षण से संबंधित सभी रिकाॅर्ड खंगाले. जांच में निगोहां रेलवे स्टेशन के जिस लूप लाइन के पटरी में फैलाव हुआ था, उसकी सबसे बड़ी वजह चाभी यानी पेंड्रोल क्लिप को ज्यादा खोला जाना सामने आया था. इतना ही नहीं जांच में आया है कि रेल पटरियों की निगरानी दो शिफ्टों में की जानी चाहिए.