लखनऊ: गैंग बनाकर भारत के विरुद्ध आपराधिक साजिश रचकर रोहिंग्या बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में बसाने के आरोपी बांग्लादेशी अदिलुर रहमान अशरफी, शेख नजीबुल हक और अबू हुरैरा गाजी एटीएस की रिमांड पर रहेंगे. एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्रा ने 10 दिन के लिए उन्हें रिमांड पर दिए जाने का आदेश दिया है. इस दौरान एटीएस उनसे पूछताछ करेगी.
मामले के विवेचक धर्मेंद्र सिंह यादव की ओर से दी गई रिमांड अर्जी पर एनआईए के विशेष अधिवक्ता एमके सिंह ने अदालत को बताया कि अभियुक्तों ने एक षड्यंत्र के तहत भारत में रोहिंग्या बांग्लादेशी नागरिकों को बसाए जाने के लिए विदेश से प्राप्त धन को अवैध तरीके से प्रयोग किया. यह भी आरोप है कि उक्त गैंग के द्वारा भारत में अवैध तरीके से मस्जिदें बनवाई जा रहीं हैं.
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एटीएस की ओर से अदालत को बताया गया कि आरोपियों को एटीएस की मेरठ यूनिट द्वारा गिरफ्तार किया गया था. इस सिंडिकेट का एक सदस्य आदिल उल रहमान जो बांग्लादेशी है और कूटरचित तरीके से भारतीय दस्तावेज बनवा रखा है.बताया गया है कि वह अपने कुछ साथियों के साथ बांग्लादेशी महिला और पुरुष नागरिकों को उनकी जानकारी में भारतीय नाम पर आधार कार्ड इत्यादि मूल्यवान दस्तावेज बनवाकर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, उत्तर प्रदेश के अलावा पूर्वोत्तर राज्य में भी बसा दिया है. अदालत को इन दस्तावेजों और इस सिंडिकेट में कौन-कौन लोग शामिल थे इसकी जानकारी दी गई है. सिंडिकेट के तार विदेशों में किन संगठनों से जुड़ए हैं, उनका पता लगाना बाकी है. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि रिमांड अवधि 14 अक्टूबर को सुबह 10:00 बजे से 23 अक्टूबर को सायं 6:00 बजे तक प्रभावी होगी.
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