लखनऊ :परिषदीय स्कूलों के सहायक शिक्षकों की अनंतिम वरिष्ठता सूची में शिक्षकों के गड़बड़ी का मामला सामने आया है. शिक्षकों का कहना है कि 'स्वेच्छा से प्रमोशन छोड़कर अपना तबादला करवा चुके शिक्षकों का भी प्रमोशन सूची में नाम जोड़ दिया गया है, जबकि कई वरिष्ठ शिक्षकों के नाम इस सूची ने छूट गये हैं. इस बार लखनऊ सहित अलग-अलग जनपदों में बेसिक शिक्षा परिषद के संगठन अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं. दरअसल, प्रदेश के 4.20 लाख शिक्षक कई वर्षों से प्रमोशन और तबादले का इंतजार कर रहे हैं. इसी कड़ी में बीते दिनों प्रदेश के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी की गई थी.
अनंतिम सूची जारी की गई तो पता चला कि कई शिक्षकों के नाम छूटे हैं और प्रमोशन छोड़ने वाले शिक्षकों का नाम भी वरिष्ठता सूची में शामिल किया गया है, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि 'इस वर्ष सूची फाइनल होने के बाद ही जिले के अंदर तबादले की प्रक्रिया गति पकड़ेगी. शिक्षकों की आपत्ति को देखते हुए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल ने अनंतिम वरिष्ठता सूची को लेकर शिक्षकों की जो भी आपत्ति है, उसके लिए 23 मार्च 2023 तक आपत्ति दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. दूसरी बार सूची की जांच करने के बाद अंतिम सूची 21 मार्च को मध्य रात्रि में अपलोड किया जाएगा. जिसके बाद शिक्षक अपनी आपत्ति बेसिक शिक्षा परिषद के पोर्टल पर दर्ज करा सकते हैं.'
शिक्षकों की यह है आपत्तियां :शिक्षकों के मुताबिक, प्राथमिक के प्रधानाध्यापक, जूनियर के सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं. उनको सूची में शामिल किया गया है. जिन प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक ने पूर्व में पदोन्नति तो छोड़ दी थी. उनका विवरण अंकित नहीं किया गया है और उनको प्रथम वरीयता दी गई है. जो शिक्षक टीईटी प्राथमिक जूनियर स्तर के पास हैं, उनका उल्लेख नहीं किया गया है. जिन शिक्षकों के प्राथमिक नियुक्ति उनके मूल जनपद में है, उनकी नियुक्ति तिथि बीएसए के आर्डर जारी करने की तिथि और उनके मेरिट गुणांक के स्थान पर विद्यालय पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि को मौलिक नियुक्ति तिथि के रूप में अंकित करते हुए वरिष्ठता सूची निर्धारित की गई है.
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह ने बताया कि 'सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल के अनुसार वरिष्ठता सूची में कोई आपत्ति नहीं है, वहीं अध्यापक इसको लेकर लगातार आपत्ति दर्ज करा रहे है. शिक्षकों का कहना है कि जिन शिक्षकों का सीधी भर्ती द्वारा चयन किया गया कोई अभ्यर्थी अपने वरिष्ठता खो सकता है. इसके साथ ही किसी अध्यापक की जिसे नियम 21 के उपबन्धों के अनुसार एक स्थानीय क्षेत्र से दूसरे स्थानीय ज्येष्ठता मे उसका नाम, स्थानान्तरण का आदेश जारी किये जाने के तारीख को इस स्थानीय क्षेत्र से जिसमें उसका स्थानान्तरण किया गया है, के अध्यापकों की सूची के सबसे नीचे रख दिया जायेगा.ऐसा व्यक्ति प्रमोशन का पात्र नहीं होगा.
यह भी पढ़ें : Rain In UP: बारिश का ट्रेन व बसों के संचालन पर पड़ा असर, कई बसें निरस्त तो कई देरी से हुईं रवाना