लखनऊ : मोहनलालगंज तहसील से रिटायर्ड लेखपाल का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. नयाब तहसीलदार न्यायालय के आदेश पर दो लोगों के नाम मात्र डेढ़ बीघा जमीन लिखने के आदेश पर लेखपाल पर दूसरे लोगों के नाम 17 बीघा गलत ढंग से सरकारी जमीन लिखने का आरोप है.
शनिवार को सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़े का पूरा मामला वायरल होने के बाद मोहनलालगंज एसडीएम ने मामले की जांच के बाद रिटायर्ड लेखपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए. रजिस्टार कानूनगो की तहरीर पर पुलिस ने रिटायर्ड लेखपाल के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी सहित अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के मुताबिक, मोहनलालगंज तहसील के रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रभारी के पद पर तैनाती के दौरान रिटायर्ड लेखपाल उमाशंकर वर्मा निवासी ग्राम करोरवां के डिजिटल डाटा का प्रयोग कर फर्जी आदेश का अंकन कर ग्राम सभा समेसी में नया तहसीलदार निगोहा द्वारा डेढ़ बीघा जमीन दर्ज किए जाने के आदेश में हेरफेर कर दी.
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दो बड़ी गाटा संख्या 298/3.352 हेक्टेयर से 2.607 हेक्टेयर व गाटा संख्या 294/9.950 हेक्टेयर से 1.658 जिसके खातेदार सनी शेखर, चंद्रशेखर, इंद्रशेखर सहित अन्य काफी अरसे से लापता थे, उनका नाम पृथक कर रामबली पुत्र उमाशंकर निवासी रसूलपुर व रत्नेश कुमार पुत्र कैलाश कुमार निवासी रसूलपुर का नाम फर्जी तरीके से दर्ज कर दिया. जबकि दोनों वाद संख्या पर नयाब तहसीलदार न्यायालय से असली आदेश गाटा संख्या 4415 व 937 में 0.314 हेक्टेयर सालीग्राम निवासी इब्राहिमाबाद व श्रवण कुमार निवासी सलेमपुर के नाम दर्ज करने का आदेश हुआ था.
सोशल मीडिया पर रिटायर्ड लेखपाल के रजिस्ट्रार कार्यालय में तैनाती के दौरान फर्जीवाड़े का मैसेज वायरल होने के बाद एसडीएम डॉ. सुभी सिंह ने पूरे मामले की तहसीलदार संदीप त्रिपाठी को जांच के आदेश दिए थे.