लखनऊः यूपी पुलिस में एक युवक ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर पिछड़ी जाति के कोटे से पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर साल 1995 में नौकरी हासिल कर ली. इसकी शिकायत रायबरेली के रहने वाले एक युवक ने वर्ष 2020 में की थी. जांच में दोषी पाए जाने पर पुलिस आरक्षी को 30 नवंबर 2022 को पुलिस विभाग द्वारा(डिसमिस) किया जा चुका है. आवेदक की शिकायत पर शनिवार को आरोपी के ऊपर धोखाधड़ी सहित अन्य धराओ में एफआईआर दर्ज की गई है.
पुलिस के मुताबिक आवेदक दिलीप सिंह पुत्र शिवराज सिंह निवासी नरहरपुर कल्याणपुर बेती थाना व तहसील डालामऊ जिला रायबरेली द्वारा दी गई शिकायत पत्र में समक्ष मंत्री श्रम एवं सेवा भोजन एवं समन्वय विभाग उ.प्र. प्रस्तुत किया. इसमें संज्ञान लेते हुए कार्यालय द्वारा 23 नवंबर 2020 को प्रार्थना पत्र संख्या 362/2020 पैक्स स0 VIP-2/3/6GF01/2020 प्रेषित की गई. इसमें यह आरोप अंकित किया गया कि आरक्षी 3281 बृजभान बहादुर पुत्र रामेश्वर निवासी ग्राम नरहरपुर बेती कल्याणपुर डालामऊ रायबरेली द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती के समय फर्जी पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र लगाकर तथ्यों को छुपाते हुए पिछड़ी जाति की कोटे से भर्ती हो गया, जो वर्तमान में 112 डायल लखनऊ में तैनात है.
पूरे मामले में लगाए गए आरोप की जांच सर्वप्रथम दिनेश कुमार पूरी अपर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय लखनऊ द्वारा संपादित की गई, जिनके द्वारा दिनांक 1 फरवरी 2021 को यह स्पष्ट करते हुए आख्या प्रेषित की गई कि आरोपी आरक्षी द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र पिछड़ी जाति (चमार)के आधार पर नौकरी प्राप्त की है. दोबारा पूरे मामले की जांच प्राची सिंह अपर पुलिस उपायुक्त द्वारा संपादित गई, जिनके द्वारा 21 मार्च 2021 को पुनः आरोप की पुष्टि करते हुए आख्या पुलिस उपायुक्त मुख्यालय लखनऊ प्रेषित की गई. दोबारा फिर जांच श्रवण कुमार सिंह अपर पुलिस उपायुक्त द्वारा करते हुए 31 मई 2021 को आरोपी आरक्षी द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर भर्ती होने की पुष्टि करते हुए पुलिस उपायुक्त मुख्यालय लखनऊ कमिश्नरेट को प्रेषित किया गया.