लखनऊ : पूर्वांचल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बाद अब उसके खासम खास, पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह पर पुलिस ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. छात्र नेता से माफिया और फिर विधायक बने अभय सिंह के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया पर हुए हमले में साजिश रचने का आरोपी बनाया है. आलमबाग थाने में अभय सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर आए सुरेंद्र कालिया ने बताया था कि अभय के कहने पर ही उसने अपने ऊपर फायरिंग कराई और पूर्व सांसद धनंजय सिंह को फंसाया.
पिछले साल 13 जुलाई को सुरेंद्र ने खुद पर फायरिंग होने की सूचना पुलिस को दी थी. उसने पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हमला करने का आरोप लगाया था. सीसीटीवी फुटेज से यह घटना फर्जी निकली थी. 10 अगस्त को सुरेंद्र के 4 साथी पकड़े गए, तब इसका खुलासा हुआ था. दबाव बढ़ने पर सुरेंद्र कोलकाता भाग निकला था. उस समय ही सामने आ गया था कि सुरेंद्र की मदद मुख्तार गिरोह के पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह कर रहे हैं. पुलिस अफसरों के मुताबिक, सुरेंद्र ने कबूला था कि सब कुछ अभय सिंह के कहने पर ही किया गया. उसने मदद करने में जिन तीन-चार लोगों के नाम लिए वह मुख्तार गिरोह से ही जुड़े हुए हैं.
अभय को 120बी का मुलजिम बनाया
डीसीपी और एडीसीपी ने लंबी पूछताछ की. उसके बाद ही आलमबाग पुलिस को 13 जुलाई को दर्ज हुए मुकदमे में अभय सिंह को साजिश रचने का आरोपी बनाने को कहा गया. सुरेंद्र के बयान के आधार पर अभय को आईपीसी की धारा 120बी का आरोपी बनाया गया है. हालांकि इस बारे में अधिकारी कुछ बोल नहीं रहे हैं. पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि इस मामले में पड़ताल की जा रही है.
छात्र नेता से माफिया और फिर बना विधायक
मूलरूप से फैजाबाद के गोसाईगंज के अभय सिंह का जन्म 25 मई 1974 को जौनपुर में अपने नाना भाजपा नेता राजेश्वर सिंह के घर हुआ था. पढ़ाई में अभय सिंह बहुत अच्छे थे. स्नातक में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के बाद छात्र राजनीति में कदम रखा. बचपन से ही अभय को अपनी धाक जमाने का भी शौक था. पूर्वांचल समेत पूरे उत्तर प्रदेश में धाक जमाने के लिए उसने पॉवर सेंटर राजधानी लखनऊ को चुना.