लखनऊ: आगरा में कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन के साथ तिरंगा यात्रा निकालना आम आदमी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को महंगा पड़ता दिखाई दे रहा है. आगरा प्रशासन ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत 17 नामदज और 450 अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद आम आदमी पार्टी के तेवर और तीखे हो गए हैं. पार्टी ने अब उत्तर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर सरकार को उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ तिरंगा संकल्प यात्रा निकालने का निर्णय लिया है.
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि 52 साल तक जिन लोगों ने अपने मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया वह आज भी तिरंगा विरोधी हैं. उत्तर प्रदेश में ब्रिटिश हुकूमत जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. यहां तिरंगा फहराने पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में तिरंगा फहराना अपराध है.
बता दें कि रविवार को आम आदमी पार्टी ने आगरा में तिरंगा संकल्प यात्रा निकाली थी, जिसमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए थे. इस तिरंगा यात्रा के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह सहित 450 कार्यकर्ताओं पर आगरा के लोहामंडी थाने में प्राथमिकी दर्ज हो गई. आरोप है कि आप नेता सहित कार्यकर्ताओं ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया और मनीष सिसोदिया समेत तमाम नेता बिना मास्क के नजर आए.
मेरे ऊपर दर्ज किया गया 16 वा मुकदमाः संजय सिंह
सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश में मेरे ऊपर मुकदमा नं. 16 हो गया, मुख्यमंत्री योगी बहुत धीमे गति से मुकदमें लिखवा रहे हो, योगी जी जल्दी 16 सौ मुकदमा पूरा करो. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि योगी सरकार ब्रिटिश हुकुमत की तरह काम कर रही है. योगी राज में तिरंगा फहराना अपराध हो गया है, भाजपा तिरंगा विरोधी है. 52 साल तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराने वाले आज भी तिरंगा विरोधी हैं.
संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक तिरंगा संकल्प यात्रा और सरकार के घोटालों को उजागर करने से बौखला गये हैं. जिसकी वजह से उन्होंने मेरे खिलाफ 16 मुकदमे, राजद्रोह का मुकदमा तक लिखवा दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आम आदमी पार्टी से इतने नाराज हैं कि उन्होंने पार्टी का दफ्तर तक बंद करवा दिया था, इसके बाबजूद हम लोग उनके दमनकारी रैवये से डरे नहीं.
सदन से सड़क तक संघर्ष का ऐलान