शिक्षक भर्ती के आवेदन में हुई गलती, सुधार के लिए भटक रहे अभ्यर्थियों ने कानून मंत्री से लगाई गुहार
प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती फार्म में हुई त्रुटि के संशोधन को लेकर कानून मंत्री बृजेश पाठक के पास पहुंचे. अभ्यर्थियों की ओर से इस प्रकरण में राहत दिलाने की मांग की गई.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के अभ्यर्थी बुधवार को कानून मंत्री बृजेश पाठक के पास पहुंचे. अभ्यर्थियों ने बृजेश पाठक से इस प्रकरण में हस्तक्षेप करने और राहत दिलाने की मांग की. इसके बाद अभ्यर्थी सीएम आवास और उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा से भी मिलने पहुंचे. अभ्यर्थियों का कहना है कि आवेदन के दौरान उनसे त्रुटियां हुईं, जिसके चलते उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया. अभ्यर्थियों की माने तो काउंसलिंग के दौरान उनसे संशोधन के संबंध में शपथ पत्र भी लिया गया था. आश्वासन दिया गया कि सुधार हो जाएगा लेकिन, सुधार कर काउंसलिंग में शामिल करने के बजाय उन्हें प्रक्रिया से ही बाहर कर दिया गया है.
यह है अभ्यर्थियों की मांग
- विगत 7 महीने से अभ्यर्थी फार्म में हुई त्रुटि को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहते थे, जिस पर शासन द्वारा आश्वासन देकर उन्हें शांत करवा दिया जाता था कि सबका संशोधन किया जाएगा.
- दिनांक 05/03/2021 को शासनादेश संख्या 80/ 68-5-2021 के तहत अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव किया गया. अभ्यर्थियों से यह कहा गया आपके द्वारा मेरिट प्रभावित हो रही है इसलिए आपका संशोधन मान्य नहीं किया जाएगा. जबकि हम सभी लोग अपने वास्तविक अंकों से अपने जनपद और प्रदेश स्तरीय मेरिट में अपना स्थान बनाए हुए हैं.
- इसके विपरीत 138 शिक्षामित्रों का संशोधन उसी 05/03/2021 के शासनादेश के तहत मेरिट प्रभावित होने के बावजूद त्रुटि सुधार का मौका देकर उन्हें नियुक्ति दी जा रही है. जिन्होंने अपने 25 अंक के भारांक का कॉलम ही नहीं भरा था.
- 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में ऑनलाइन आवेदन में हुई त्रुटि करने वाले अभ्यर्थियों में कम अंक भरने वाले, नाम, अनुक्रमांक, मेल-फीमेल, यूनिवर्सिटी की गलती, शिक्षामित्र का गलत भारांक भरने वालों नियुक्ति पत्र प्रदान कर दिया गया. जबकि उसके विपरीत मात्र अधिक प्राप्तांक या कम पूर्णांक भर जाने पर चयन/अभ्यर्थन ही निरस्त कर दिया गया.
- 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में जो फार्म परीक्षा के लिए भराया गया था, उसी फार्म का शैक्षिक योग्यता का सम्पूर्ण डाटा 69 हजार शिक्षक भर्ती के लिए इस्तेमाल कर लिया गया. जिस पर NIC द्वारा संशोधन का मौका नहीं दिया गया. ऐसी स्थिति में अभ्यर्थी अपनी गलती देख तो सकते थे मगर उसमें सुधार नहीं कर सकते थे.
- अध्यापक भर्ती परीक्षा का फार्म अलग होता है, जो सिर्फ पात्रता परीक्षा थी. लेकिन शासन ने अपनी सुविधा के लिए 69 हजार शिक्षक भर्ती के नए आवेदन फार्म में हम सबसे सिर्फ जनपद, राष्ट्रीयता और पहचान पत्र ही भरवाया गया. हम अपनी भूल कैसे सुधारते.
- अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र को निरस्त करके उनकी सीटों को थर्ड काउंसलिंग में जोड़ा जा रहा है, इससे अभ्यार्थियों के साथ अन्याय किया जा रहा है. जबकि यर्ड काउंसलिंग में जो भी बच्चे आएंगे उनका गुणांक हम सबके गुणांक से कम है.
- अगर अपने वास्तविक अंकों के बाद भी प्रदेश स्तरीय और जनपद स्तरीय चयन सूची में नहीं आते हैं तो चयन निरस्त किया जाए अन्यथा नहीं.