लखनऊ:69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रकरण में OBC/SC अभ्यर्थियों ने आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार को भी हंगामा किया. मुख्यमंत्री आवास के पास पहुंचे अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए. जिसके कारण वहां जाम लग गया. इतना ही नहीं न्याय की मांग करते हुए एक अभ्यर्थी गोमती नदी में भी कूद गया. अभ्यर्थी के नदी में कूदने से अधिकारियों में हडकंप मच गया. आनन-फानन में मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया. बता दें, इन अभ्यर्थियों ने एक दिन पहले एससीईआरटी कार्यालय पर प्रदर्शन किया था.
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में हुई अनियमितता को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी जब सीएम आवास से खदेड़े गए तो भाजपा कार्यालय पहुंच गए. भाजपा कार्यालय के बाहर अभ्यर्थी सड़क पर लेटकर न्याय की गुहार लगाई. प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच झड़प भी हो गई. इस झड़प में एक महिला अभ्यर्थी का हाथ भी टूट गया. पुलिस ने लाठी चार्च कर अभ्यर्थियों को तितर बितर करने का प्रयास किया. इस दौरान कई अभ्यर्थी बेहोश हो गए कई को चोटें आईं हैं. जिसके बाद पुलिस ने अभ्यर्थियों घसीटकर को बस में भरा और जगह खाली कराई.
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की जा रही है. ओबीसी अभ्यर्थियों को भर्ती में 27% के स्थान पर सिर्फ 3.86% आरक्षण मिला है. वहीं, एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को 21% के स्थान पर सिर्फ 16.6% आरक्षण दिया गया है. उनका यह भी कहना है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि की है. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल को जारी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में माना था कि 5844 ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग रोकी गई. 5 जुलाई को बेसिक शिक्षा मंत्री ने आयोग की अंतरिम रिपोर्ट लागू करने के लिए 4 दिन का समय मांगा था, लेकिन 15 दिन का समय गुजर जाने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसके विरोध में वह लोग सोमवार को एससीईआरटी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. आरक्षण नियमों में अनदेखी का आरोप लगाकर अभ्यर्थियों ने शाम तक प्रदर्शन किया. शाम को पुलिस ने लाठी चार्ज कर उन्हें वहां से खदेड़ा. इतना ही नहीं कुछ लोगों को पुलिस द्वारा ईको गार्डन में भी छोड़ा गया था.