लखनऊ :स्वास्थ्य विभाग अब पूरे प्रदेश में कैंसर बीमारी पर चौतरफा हमला करने की तैयारी में है. खास रणनीति के तहत तय समय में इलाज और नई पीढ़ी को कैंसर टीका से प्रतिरक्षित कर पूरे प्रदेश को कैंसर मुक्त करने की योजना है. नई रणनीति के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर बने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ कैंसर की पहचान करेंगे. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है. वहीं प्रदेश में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसके टीका को नियमित टीकाकरण में शामिल करने की योजना है.
Cancer Treatment in UP : कैंसर पर चौतरफा हमला बोलने की यूपी में हो रही तैयारी, यह है खास रणनीति - कैंसर के लिए टीकाकरण
उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग कैंसर (Cancer Treatment in UP) से लड़ाई के लिए खास रणनीति पर काम कर रहा है. विभाग कैंसर के इलाज और नई पीढ़ी को कैंसर टीका से प्रतिरक्षित करने की योजना बना रहा है. इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर बने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ को प्रशिक्षित करने के साथ ही अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार किया जा रहा है.
इसके अलावा कैंसर की जांच करने के लिए अब हर जिला अस्पताल और जिलों के 10 से अधिक मेडिकल कॉलेजों में थर्मल एबलेशन जैसी अत्याधुनिक मशीन लगेगी. इस मशीन से बहुत ही कम समय में सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर की जांच हो सकेगी. वर्तमान में सर्वाइकल कैंसर का टीका निजी अस्पतालों में लगाया जा रहा है या कोई भी खरीद कर लगवा सकता है. डॉ मनोज शुक्ल, महाप्रबंधक, नियमित टीकाकरण ने बताया कि अभी यह टीका दो खुराक में लग रहा है. विदेश से आयात करने के कारण सर्वाइकल कैंसर का टीका अभी काफी महंगा पड़ रहा है. हालांकि यह टीका भारत में भी तैयार किया जा चुका है. जल्द ही यूपी समेत अन्य राज्यों में इसको नियमित टीकाकरण में शामिल करने की योजना है.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) में पहली बार कैंसर की जांच के आंकड़े दर्ज किए गए. वर्ष 2019–21 के एनएफएचएस -5 आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश की 1.5 प्रतिशत महिलाओं ने सर्वाइकल कैंसर जांच करवाई है. इसमें 1.1 प्रतिशत शहरी आबादी और 1.7 प्रतिशत ग्रामीण आबादी की महिलाएं हैं. वहीं 0.4 प्रतिशत ने स्तन कैंसर की जांच करवाई है. इसी तरह 0.6 प्रतिशत महिलाओं लोगों ने मुंह के कैंसर की जांच कारवाई है. वहीं 1.1 प्रतिशत पुरुषों ने मुंह के कैंसर की जांच कारवाई है। इसमें एक प्रतिशत शहरी आबादी और 1.2 ग्रामीण आबादी के पुरुष शामिल हैं.
डॉ लक्ष्मण सिंह, महाप्रबंधक, राष्ट्रीय कार्यक्रम, एनएचएम ने बताया कि कैंसर के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. कैंसर के प्रति लोगों में भ्रांतियां हैं. इसको दूर करने के उद्देश्य से इस दिवस पर सभी जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में लोगों को जागरूक किया जाएगा. कैंसर बीमारी की शुरुआती स्थिति में ही अगर इलाज शुरू हो जाए तो व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है. कैंसर के लक्षण दिखते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करना चाहिए.
क्या है कैंसर : शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि से कैंसर जन्म लेता है. यही कोशिकाएं तेजी से फैलते हुए शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचाती हैं. इससे शरीर में ट्यूमर (गांठ) बनता है. यह गांठ ही कैंसर होते हैं. यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है. 100 से अधिक प्रकार वाली यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है. जैसे मुंह का कैंसर, स्तन का कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, त्वचा का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, कोलोन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, लिंफोमा आदि. सभी प्रकार कैंसर के लक्षण और जांच एक-दूसरे से भिन्न होते हैं. कैंसर का इलाज मुख्य रूप से कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी के जरिए किया जाता है. सामान्य लक्षण वजन में कमी, बुखार, भूख में कमी, हड्डियों में दर्द, खांसी एवं मुंह से खून का आना, स्तन में सूजन आदि हैं.
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