लखनऊ:लोहिया संस्थान में आने वाले दिनों में मरीजों को बायोप्सी जांच के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. लोहिया संस्थान में 'मिलान सिस्टम' के माध्यम से कैंसर के मरीजों का पता लगाया जा सकेगा. इसके लिए तमाम तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
लोहिया संस्थान में 'मिलान सिस्टम' के माध्यम से लार ग्रंथि के कैंसर की सटीक जांच मुमकिन है. ऐसे में मरीजों में बायोप्सी का झंझट खत्म हो गया है. 300 मरीजों में की गई जांच में रिस्क आफ कैंसर के सही परिणाम पाए गए. इसके बाद लोहिया संस्थान में साईंटोपैथोलॉजी लैब में कैंसर की जांच में मिलान सिस्टम लागू किया गया है. इस दौरान फर्स्ट नीडल एस्पिरेशन एजेंसी के जरिए मरीज की ग्रंथि से फ्ल्यूड निकाला जाएगा. वहीं मिलान सिस्टम में तय मानक के अनुसार कैंसर की कैटेगरी की कुल 151 मरीजों पर मिलान सिस्टम को फॉलो कर शोध किया गया है.
डॉक्टरों का दावा है कि लार ग्रंथि की जांच में मिलान सिस्टम 98 से 100 फीसदी तक उपयोगी साबित होगा. वहीं 'मिलान सिस्टम' हो जाने के बाद लोहिया संस्थान में कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बायोप्सी रिपोर्ट के देर में आने की वजह से कैंसर के मरीजों का इलाज रुका रहता था, लेकिन अब इस सिस्टम के लागू हो जाने के बाद यहां आने वाले कैंसर के मरीजों की जांच इस माध्यम से की जा सकेगी. इतना ही नहीं मरीजों को अब सटीक इलाज भी दी जा सकेगी.