लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है. ऐसे में चुनाव में अवैध शराब की बिक्री न हो इसको लेकर आबकारी विभाग ने कमर कस ली है. अपर मुख्य सचिव आबकारी ने सभी जिलों के जिलाधिकारी व जिला आबकारी अधिकारियों को अवैध शराब के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त चेकपोस्ट भी बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी न हो सके. शासन का मानना है कि चुनाव को प्रभावित करने वाले इस कारक पर प्रभावी कार्रवाई करके शांतिपूर्ण मतदान कराने में सफलता हासिल की जा सकती है. अवैध शराब के खिलाफ 30 जून तक अभियान चलाया जाएगा.
चुनाव आते ही सक्रिय होते हैं शराब माफिया
अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मादक पदार्थों खिलाफ अभियान पहले भी चलाया जाता रहा है. इसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों और जिलों की पुलिस के अलावा एसटीएफ की टीमें भी लगी रहती हैं. बावजूद इसके चुनाव नजदीक आने पर अवध शराब की बिक्री और तस्करी में इजाफा होने की संभावना रहती है. चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर अवैध शराब का प्रयोग किया जाता रहा है, इस कारण चुनाव नजदीक आने पर अवैध शराब के धंधेबाज नए सिरे से सक्रिय हो जाते हैं.
कई बार पड़ोसी राज्यों से भी इसकी आपूर्ति होने लगती है. ऐसे में सभी जिलों के डीएम और जिला आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि एक वृहत रूप से अवैध शराब के खिलाफ प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जाए. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अभियान के दौरान अवैध शराब के निर्माण और बिक्री के अड्डों पर की छापेमारी की जाएगी. होटल एवं रेस्टोरेंट में होने वाली पार्टियों पर भी विशेष निगरानी की जाएगी. यही नहीं अवैध शराब माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.