लखनऊ:उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के विकास को और अधिक गतिशील बनाने के लिए और केंद्र सरकार की एमएसई-सीडीपी (माइक्रो एण्ड स्माल इन्टरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट) योजना को मूर्तरूप देने के लिए गुरुवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी से वर्चुअल संवाद किया.
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को यह भी अवगत कराया कि वाराणसी में ग्लास बीड्स क्लस्टर की स्थापना हेतु केंद्र सरकार की सहयोग राशि अपेक्षित है. उन्होंने बताया कि इसी प्रकार संत कबीर नगर में ब्रासवेयर यूटेनशिल्स क्लस्टर एवं गोरखपुर में टेराकोटा व पाटॅरी परियोजना को भी अंतिम स्वीकृति दी जानी है. इसके अतिरिक्त सहारनपुर में लेदर फुटवियर, सम्भल एवं मुरादाबाद में वुडेन प्रोसेसिंग कार्विंग और शीट मेटल, लखीमपुर खीरी एवं बाराबंकी में चिकनकारी, झांसी में हैण्डलूम एवं स्पाईस ग्रेन प्रोसेसिंग पैकेजिंग, चन्दौली में राइस, मेरठ में लेदर गुड्स, आजमगढ़ में जूट रोप यार्न, गाजीपुर में जूट वॉल हैंगिंग, बदायूं में जरी-जरदोजी, गौतम बुद्ध नगर में मोल्ड डिजाइन डेवलपमेंट प्लास्टिक, मथुरा में मेटालर्जिकल और कानपुर में रेडीमेड गारमेंट आदि औद्योगिक क्लस्टर केंद्र सरकार के सहयोग से विकसित किये जाने हैं.
इन जिलों में बनाया जाएगा टॉय क्लस्टर
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि इसी प्रकार पारंपरिक एवं आधुनिक खिलौना उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए झांसी, वाराणसी, गोरखपुर एवं चित्रकूट में टॉय कल्सटर का विकास किया जाना है. इसके लिए शीघ्र ही डीपीआर तैयार कर केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास के अन्तर्गत प्रयागराज, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, लखनऊ, सीतापुर एवं जौनपुर सहित छह जनपदों में औद्योगिक आस्थानों को विकसित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है. इसके अलावा आगरा एवं कानपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना हेतु केंद्र सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है. लखनऊ, गोरखपुर, अलीगढ़ और गाजियाबाद में भी फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स की स्थापना के प्रस्ताव का डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.