हैदराबाद/बदायूं:उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के साथ 5 और भाजपा विधायकों के इस्तीफा देने की खबर से जहां पार्टी में खलबली मच गई थी. मंत्रियों के भाजपा दामन छोड़ने की खबरें बाहर आने लगी तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मोर्चा संभाल लिया. इसके बाद कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी, आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी और बदायूं से विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने इस्तीफा देने और दूसरे पार्टी में शामिल होने का खंडन किया है. दोनों मंत्रियों और विधायक के खंडन से कहीं न कहीं भाजपा को बड़ी राहत मिली है.
सूत्रों के मुताबिक भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मंत्री नंद गोपाल नंदी और धर्म सिंह सैनी से बात करके इस्तीफा देने और दूसरी पार्टी में जाने के मामले पर खंडन कराया है. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद प्रधान ने स्वामी प्रसाद मौर्य को फोन किया. लेकिन स्वामी प्रसाद ने किसी का फोन ही नहीं रिसीव किया.
विनाशकाले विपरीत बुद्धिः नंद गोपाल नन्दी
कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नन्दी ने स्वामी प्रसाद मौर्या के भाजपा छोड़ने और उनको लेकर सोशल मीडिया में फैली अफवाहों को लेकर ट्वीट कर खंडन किया है. कैबिनेट मंत्री नन्दी ने किया ट्वीट करके स्वामी प्रसाद के फैसले की निंदा करते हुए आत्मघाती कदम बताया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि स्वामी प्रसाद मौर्या का सपा ज्वाइन करना "विनाशकाले विपरीत बुद्धि" जैसा है. अखिलेश यादव की डूबती नाव की सवारी स्वामी प्रसाद के लिए राजनीतिक आत्महत्या जैसा आत्मघाती निर्णय साबित होगा. इसके साथ ही ट्वीट के अंत में भाजपा की सराहना करते हुए लिखा है कि भाजपा राष्ट्र को सर्वोपरि मानने वाली विचारधारा का नाम है. इसके साथ ही लिखा है कि अवसरवादियों और परिवार वादियों के लिए सपा ही सही ठिकाना है. कैबिनेट मंत्री ट्वीट के अंत मे लिखा है जय श्रीराम, जय भाजपा तय भाजपा.