उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

जाम से निजात के लिए बनाए जाएंगे बाईपास: डिप्टी सीएम - जाम की समस्या से निजात

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पूरे प्रदेश में बाईपास बनाए जाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे जाम की समस्या से निजात मिलेगी. साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

By

Published : Jan 26, 2021, 10:11 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जाम से जूझने वाले बडे़ शहरों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बाईपास बनाने की कार्ययोजना पर अमल करें. उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में देखें कि कहां-कहां पर बाईपास बनाने की जरूरत है.

बाईपास बनने से जाम की समस्या से मिलेगी निजात.

जिलों में बाईपास की योजना पर हो अमल

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बाईपास का मास्टर प्लान अगले 20 वर्षों को ध्यान में रखकर बनाया जाए. इन सड़कों के विकास से ही प्रदेश का सर्वांगीण विकास हो सकेगा. उन्होंने कहा कि कई जिलों में एक से अधिक बाईपास बनाने की आवश्यकता है. उत्तर प्रदेश की जनसंख्या और सबसे अधिक ट्रांसपोर्ट होने के कारण प्रदेश में बाईपास बनाना जरूरी है. पूरे प्रदेश में बाईपास बनाने के हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे लोगों की जाम से निजात मिलेगी और लोगों को रोजगार भी मिलेगा. डिप्टी सीएम ने निर्देश दिए कि बाईपास के निर्माण के प्रपोजल और कार्ययोजना जिलों से तत्काल मंगवाई जाए.

बनाए जाएं हेलीपैड और सेफहाउस

डिप्टी सीएम ने निर्देश दिए कि सभी जिला, मुख्यालयों और तहसील स्तर पर स्थाई रूप से हेलीपैड बनाने की भी कार्ययोजना बनाई जाए. कार्ययोजना बनाते समय सभी तकनीकी पहलुओं पर गहनता से विचार किया जाए. जिला स्तर पर लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन हैं. भूमि की उपलब्धता को देखते हुए हेलीपैड बनाने की कार्ययोजना तैयार की जाए. डिप्टी सीएम ने यह भी निर्देश दिए कि हेलीपैड बनाने वाले स्थान पर ही सेफ हाउस बनाने पर भी विचार किय़ा जाए.


परियोजनाओं को ईपीसी मोड पर करने का हो विचार

डिप्टी सीएम ने निर्देश दिए कि बड़े प्रोजेक्ट और सेतु निगम की बड़ी परियोजनाओं को ईपीसी मोड (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) पर करने का भी विचार किया जाए. उन्होंने कहा कि लिंक मार्गों की चौड़ाई पांच मीटर से कम नहीं होनी चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details