उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

जीएसटी में बदलाव से व्यापारी नाराज, डिप्टी कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन - डिप्टी कमिश्नर सुधा वर्मा लखनऊ

जीएसटी में हुए बदलावों के संबंध में सर्वहित व्यापार मंडल के सदस्यों ने डिप्टी कमिश्नर सुधा वर्मा से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा. सदस्यों का कहना है कि मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस के नोटिफिकेशन में किए गए बदलाव से व्यापारियों को नुकसान होगा.

व्यापारियों ने डिप्टी कमिश्नर को दिया ज्ञापन
व्यापारियों ने डिप्टी कमिश्नर को दिया ज्ञापन

By

Published : Dec 28, 2020, 10:17 PM IST

लखनऊ: जीएसटी में 14 वें बदलाव को लेकर आज सोमवार को सर्वहित व्यापार मंडल के एक प्रतिनिधिमंडल ने डिप्टी कमिश्नर सुधा वर्मा को ज्ञापन सौंपा. व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार यादव ने कहा कि यह बदलाव व्यापारियों के हित में नहीं है. इस पर पुनर्विचार किया जाए और इसको वापस लिया जाए.

व्यापार करना होगा मुश्किल
जीएसटी में फिर से किए गए बदलाव को लेकर उत्तर प्रदेश के व्यापारियों ने नाराजगी है. बदलाव को वापस लेने की मांग करते हुए आज सर्वहित व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार यादव के नेतृत्व में व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंडल के डिप्टी कमिश्नर सुधा वर्मा से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि 22 दिसंबर को मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस के नोटिफिकेशन में किए गए बदलाव व्यापारियों के हित में नहीं है. इसलिए इस पर फिर से विचार करते हुए इसको वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि यह बदलाव जीएसटी की मूल भावना के अनुरूप नहीं है. लगातार हो रहे ऐसे बदलाव जीएसटी को और जटिल बना रहे हैं. इससे व्यापारियों को बहुत परेशानियां होंगी और व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा.

अधिकारियों की बढ़ेगी तानाशाही
व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि GST रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन से ऑफलाइन की तरफ बढ़ रहा है. रजिस्ट्रेशन के लिए सेंटर बनाए जाएंगे. व्यापारी इन सेंटरों पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाएंगे. अभी तक मोबाइल नंबर पर ओटीपी आ जाने के बाद रजिस्ट्रेशन हो जाता था. वहां पर बायोमेट्रिक जांच के साथ व्यापारियों को फिजिकल वेरिफिकेशन भी करवाना होगा. इससे अधिकारी व्यापारियों का शोषण करेंगे और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा. इन्होंने बताया कि व्यापारियों को पहले जीएसटी में रजिस्ट्रेशन के लिए 3 दिन का समय लगता था, जबकि अब यह समय अवधि 7 दिन कर दी गई है. इसके साथ ही फिजिकल वेरीफिकेशन की समय अवधि को 30 दिन कर दिया गया है. ऐसे में व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त हो जाएगा. यह बदलाव व्यापारियों के लिए न्याय संगत नहीं है.


ITC के प्रावधानों में बदलाव
व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि इनपुट टैक्स सर्विस के प्रावधानों में भी बदलाव किया गया है. व्यापारियों द्वारा टैक्स भरने के बाद भी आईटीसी के प्रावधान को 10 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. पहले इसे 20 प्रतिशत से कम किया गया था. ऐसे में व्यापारी अपनी धनराशि का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि बदलाव के बाद व्यापारी आईटीसी लेजर अमाउंट का इस्तेमाल 100 प्रतिशत नहीं कर पाएगा. नए बदलाव के अनुसार व्यापारियों को 1 प्रतिशत कैश जमा करना होगा. व्यापारियों का कहना है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट में पैसा होते हुए भी व्यापारियों से 1 प्रतिशत नगद क्यों लिया जा रहा है. प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ व्यापारी नेता अफजाल अहमद, अजय सिंह, मोहम्मद मसूद, मिश्री लाल यादव मौजूद रहे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details