लखनऊ: सरकारी कामकाज के दौरान बिक्री कर अधिकारी से मारपीट कर जानमाल की धमकी देने के आरोपी व्यापारी नेता व पूर्व राज्य सभा सांसद बनवारी लाल कंछल को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने दो वर्ष के कारावास व पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
कोर्ट में अभियोजन की ओर से कहा गया कि बिक्री कर अधिकारी अरुण कुमार त्रिपाठी ने 6 अक्टूबर 1991 को हजरतगंज थाने में दर्ज कराई थी. घटना के दिन वादी बिक्री कर कार्यालय मीराबाई मार्ग परिसर में राजकीय कार्य कर रहे थे. उसी समय बनवारी लाल कंछल ने अपने साथियों के साथ आकर वादी को मारा और अन्य लोगों ने गाली देना शुरू कर दिया.
उनका कहना था कि रोड चेकिंग के दौरान लखनऊ में माल से लदी गाड़ियां क्यों पकड़ते हो. कहा गया कि इसी शोर-शराबे के दौरान बिक्री कर भवन में उपस्थित अन्य बिक्री कर अधिकारी व कर्मचारी मौके पर आए. जिसके कारण कंछल व उसके साथी यह कहते हुए भाग गए कि यदि फिर कभी गाड़ी पकड़ी तो जान से मार देंगे. अदालत को यह भी बताया गया कि इसके पहले भी आरोपियों ने सचल दल कार्यालय में बिक्री कर अधिकारी डीसी चतुर्वेदी के साथ गाली गलौज की थी.
इसके साथ ही कार्यालय में रखी हुई कुर्सियां पटक कर तोड़ दी थी और धमकी दी थी कि जो अधिकारी लखनऊ में माल पकड़ेगा उसे जान से मार दिया जाएगा. अभियोजन की ओर से इस मामले में वादी समेत पांच गवाह पेश किए गए. जिन्होंने घटना का पूर्ण समर्थन किया. सजा के प्रश्न पर आरोपी की ओर से कहा गया कि उसे परिवीक्षा का लाभ देकर छोड़ दिया जाए. जिस पर अदालत ने कहा कि आरोपी को परिवीक्षा का लाभ दिए जाने से जनसामान्य में गलत संदेश जाएगा.
कंछल के बेटे खिलाफ दर्ज रिपोर्ट को कोर्ट ने किया तलब
वहीं, बनवारी लाल कंछल के बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग लखनऊ में किसी और की जमीन दिखाकर लोगों के लाखों रुपये हड़पने और बंद खाते का चेक देने के आरोपों को लेकर व्यापारी नेता बनवारी लाल कंछल के पुत्र अमित कंछल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग वाली अर्जी पर सीजेएम हृषिकेश पांडेय ने हजरतगंज थाने से रिपोर्ट तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी. कोर्ट में सीतापुर की रहने वाली निधि गुप्ता ने यह अर्जी देकर बताया कि आरोपी अमित कंछल ने वादिनी को देवा रोड स्थित ऑरेंज कंट्री में मकान खरीदने के लिए राजी किया. जिस पर वादिनी ने मकान खरीदने के लिए 9 लाख 40 हजार रुपये आरोपी को दिये. इसके बाद आरोपी 17 जनवरी 2013 को आवंटन पत्र भी दे दिया. आरोप है कि आवंटन पत्र के बावजूद मकान नहीं दिया. जब वादिनी ने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपी ने उसे बंद खाते का चेक पकड़ा दिया. बाद में वादिनी को पता चला कि आरोपी ने बहुत से लोगों के साथ धोखाधड़ी करके करोड़ों रुपये हड़प लिए और अपना कार्यालय बंद करके भाग गया है.
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