लखनऊ: स्वतंत्रता के बाद से भारत देश के व्यापारिक क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. भारत के व्यापारिक क्षेत्र को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का भी काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है. लखनऊ में तैयार होने वाला चिकन का कारोबार, जिसने दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है वह भी मुफलिसी के कगार पर पहुंच रहा है. दूसरी तरफ सब्जियों की बात करें तो इसके भी आयात और निर्यात में काफी असर पड़ा है. घटते व्यापार को देखते हुए व्यापारी कारोबार को बंद करने की सोच रहे हैं.
...यही हालात रहे तो कहीं खत्म न हो जाए लखनऊ का जरदोजी और चिकन का काम - नोटबंदी
राजधानी लखनऊ में जरदोजी और चिकनकारी का काम बहुत प्रसिद्ध है. यह काम देश-विदेश में भी प्रसिद्ध है. जीएसटी लागू हो जाने के बाद से चिकनकारी के व्यापार में भारी गिरावट आई है.
राजीव महेन्दू, वरिष्ठ संगठन मंत्री
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जीएसटी लागू होने से बंद होने के कागार पर है कारोबार
- राजधानी लखनऊ की असल पहचान जरदोजी और चिकनकारी काम से है.
- शहर की यह कलाकारी प्रदेश, देश और विदेशों तक महशूर है और बड़ी तादाद में इसकी डिमांड भी है.
- कुछ समय से इस कारीगरी पर ग्रहण लग गया है और व्यापारी इससे दूरी बना रहे हैं.
- आजादी के बाद से लखनऊ की चिकनकारी के व्यापार में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
- चिकनकारी के इस व्यापार ने तमाम लोगों को रोजगार मुहैया कराए हैं और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी योगदान रहा है.
- व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि जीएसटी लागू हो जाने के बाद से चिकनकारी के व्यापार में गिरावट दर्ज की गई है.
- स्थिति यह है कि लखनऊ का यह व्यापार अब बंद होने के कगार पर आ गया है.
- वहीं सब्जी आढ़तियों का कहना है कि सब्जियों के आयात और निर्यात पर नोटबंदी और जीएसटी ने गहरी चोट पहुंचाई है.
- नोटबंदी और जीएसटी के बाद से सब्जियों के आयात और निर्यात पर काफी असर देखने को मिला है.