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Lucknow News : माननीयों के अड़ंगे से नहीं तय हो पा रहे बस स्टेशनों के नाम, लखनऊ के लिए हरी झंडी - बस स्टेशनों का नामकरण अटका

उत्तर प्रदेश के तमाम बस स्टेशनों (Lucknow News) के नाम प्रदेश के क्रांतिकारियों के नाम पर रखे जाने हैं. इसके लिए जिलाधिकारी स्तर पर हर जिले में समिति का गठन किया गया है. समिति में शामिल विभिन्न दलों के माननीय की वजह से बस स्टेशनों के नाम तय करने में अड़चनें लग रही हैं.

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Published : Feb 28, 2023, 10:11 PM IST

माननीयों के अड़ंगे से नहीं तय हो पा रहे बस स्टेशनों के नाम.

लखनऊ : स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले क्रांतिकारियों के नाम पर उत्तर प्रदेश के बस स्टेशनों के नाम रखे जाने हैं, लेकिन विभिन्न दलों के माननीय ही इसमें अड़ंगा लगा रहे हैं. जिलाधिकारी के स्तर पर हर जिले में बस स्टेशनों के नाम चिन्हित करने के लिए बनी समिति इसके चलते नाम तय नहीं कर पा रही है. लखनऊ में ही चारों बस स्टेशनों के नाम क्रांतिकारियों के नाम पर तय हो गए हैं. बावजूद इसके अभी भी इन स्टेशनों का नाम बदला नहीं जा सका है. चारबाग, कैसरबाग, आलमबाग और अवध बस स्टेशन के नए नाम के लिए जल्द ही शासन की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल सकता है. परिवहन निगम के सूत्र बताते हैं कि जिन क्रांतिकारियों के नाम पर लखनऊ के बस स्टेशनों के नाम रखे जाने हैं उनके इतिहास के बारे में जानकारी मांगी गई है. यह जानकारी उपलब्ध होते ही बस स्टेशनों के नाम बदल जाएंगे.


स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारियों के नाम पर बस अड्डों के नाम रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों के नेतृत्व में समिति बनाई हैं. इस समिति में जिलाधिकारी के अलावा अपर जिला अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक शामिल हैं. समिति की तरफ से क्रांतिकारियों का नाम प्रस्तुत करने से पहले ही माननीय अड़ंगा लगा रहे हैं. इसके चलते तमाम क्षेत्रों से अभी तक नाम ही उपलब्ध नहीं हो पाए. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्षेत्र वाराणसी शामिल है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह क्षेत्र गोरखपुर भी शामिल है. सहारनपुर, मुरादाबाद, हरदोई, कानपुर, आजमगढ़ और नोएडा से अभी तक कोई नाम ही नहीं आ पाए हैं.

आगरा इटावा चित्रकूट बरेली अलीगढ़ झांसी देवीपाटन और प्रयागराज से बस स्टेशनों के नाम बदलने के लिए प्रस्ताव तो है, लेकिन समिति का गठन और कार्यवृत्त ही उपलब्ध नहीं हो पाया है. इसके अलावा लखनऊ और गोरखपुर क्षेत्र में जो प्रस्ताव परिवहन निगम को प्राप्त हुए. जिनके साथ समिति और कार्यवृत्त उपलब्ध है, लेकिन प्रस्तावित नाम के संबंध में जानकारियां अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई हैं. वाराणसी रीजन की बात करें तो जौनपुर चंदौली सोनभद्र विंध्य नगर कौशांबी और कैंट बस स्टेशनों के लिए अभी तक कोई नाम ही नहीं मिल पाए हैं. गाजीपुर में जमनिया बस स्टेशन का नाम श्री विश्वनाथ सिंह गहमरी बस स्टेशन करने और गाजीपुर बस स्टेशन का नाम शहीद राम उग्रह पांडेय बस स्टेशन करने के लिए समिति ने सुझाव भेजा है. बुलंदशहर बस स्टेशन का नाम स्वर्गीय राजेंद्र सिंह बस स्टेशन के नाम से करने, हापुड़ बस स्टेशन का नाम हरिपुर बस स्टेशन करने, कौशांबी बस स्टेशन का नाम दुर्गावती देवी बस स्टेशन करने की संस्तुति समिति ने की है.

लखनऊ की बात करें तो आलमबाग बस स्टेशन का नाम वीरांगना ऊदा देवी बस स्टेशन, चारबाग बस स्टेशन का नाम पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बस स्टेशन, कैसरबाग बस स्टेशन का नाम बेगम हजरत महल बस स्टेशन और अवध बस स्टेशन कमता का नाम ठाकुर रोशन सिंह बस स्टेशन किए जाने पर समिति ने मुहर लगाई थी. अब इन क्रांतिकारियों का इतिहास खंगाला जा रहा है. इसके बाद इन नामों पर शासन की तरफ से मुहर लगनी है.

परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव वेंकटेश्वर लू का कहना है कि बस स्टेशनों का नाम बदलने के लिए जिलों पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है. कई जिलों से बस स्टेशनों के नाम बदलने के प्रस्ताव भी आए हैं. बस स्टेशनों का नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रखा जाएगा. नामों को फाइनल करने में जहां दिक्कत आ रही हैं बहुत जल्द ही समस्या को दूर कर लिया जाएगा. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि तीन चार क्षेत्रों से बस स्टेशनों के नाम बदलने के प्रस्ताव समिति की तरफ से भेजे गए हैं. लखनऊ के चारों बस स्टेशनों के नाम तय हो गए हैं. बहुत जल्द नामों पर मुहर लग जाएगी और बस स्टेशनों के नाम बदल जाएंगे. जहां जहां बस स्टेशनों के नाम अभी तय नहीं हुए हैं उनकी प्रक्रिया चल रही है.

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