लखनऊ: जिन आलीशान बंगलों में 3 दशक तक देश की राजनीति की धुरी तय हुई और 4 बार उत्तर प्रदेश की सरकार बनी. जहां, कभी विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों की गाड़ियों का हुजूम लगा रहता था, आज वो बंगले विरान है. ये बंगले है 4 और 5 विक्रमादित्य. यहां कभी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और दिवंगत मुलायम सिंह यादव रहते थे. अब इन बंगलों को खाली हुए पांच वर्ष हो चुके है. लेकिन, अभी तक यहां कोई भी रहने नहीं आया. अब इन दोनों बंगलों पर सन्नाटा, टूटी खिड़कियां, बंद दरवाजे, हर ओर कूड़े के ढेर नजर आ रहे हैं. सवाल यह भी उठ रहा कि आखिर योगी सरकार के मंत्री इस बंगले से दूरी क्यों बना रहे हैं?
ईटीवी भारत ने इन बंगलों की हालत जानने के लिए जब विक्रमादित्य मार्ग बढ़ा तो यहां मौजूद टाइप 6 के पांच बंगले दिखे. इनमें 1 नंबर अति विशिष्ट अतिथि गृह, 2 नंबर मुख्य सचिव और 3 नंबर, जहां कभी आजम खान रहा करते थे. वह अब सूबे की मंत्री बेबी रानी मौर्य के पास है. वहीं, 4 और 5 नंबर के बंगलों पर सन्नाटा पसरा दिखा. 4 नंबर बंगले में अखिलेश यादव कभी रहा करते थे. इस बंगले के वेटिंग एरिया में एक कंबल दिखा और कुछ पानी की बोतल. 5 नंबर का बंगला, जहां कभी मुलायम सिंह यादव रह कर सरकारें बनाते और बिगाड़ते थे. वहां की हालत खुद बिगड़ी हुई दिखी.
सुप्रीम कोर्ट ने बंगला खाली करने का दिया था आदेशःवर्ष 2016 में यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. इसी दौरान लोक प्रहरी संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली करवाने का अनुरोध किया. इस जनहित याचिका के दाखिल होते ही हर राज्य की तरह उत्तर प्रदेश की सियासत में हड़कप मच गया. आनन फानन में अखिलेश सरकार ने वर्ष 2016 में यूपी मिनिस्टर सैलरी अलाउंट ऐंड मिसलेनियस प्रॉविजन ऐक्ट में संशोधन कर दिया. इससे पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन भर के लिए सरकारी आवास बनाए रखने की अनुमति मिल गई. इसके पीछे का कारण था, खुद के दो बंगलों को बचाना. तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लगा कि अब उनके बंगले बच गए. 7 मई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने अखिलेश सरकार के इस संशोधन को खारिज करते हुए असंवैधानिक बताया. इसके बाद दो माह के अंदर बंगले खाली करने के निर्देश दे दिया.
अखिलेश ने बनवाया था बंगला, सजावट पर खर्च हुए थे 42 करोड़ःसुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर उत्तर प्रदेश में दिखा. राज्य में भाजपा सरकार थी. इस दौरान सबसे पहले तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कालीदास मार्ग स्थित अपने बंगले को खाली कर दिया. इसके बाद कल्याण सिंह, नारायण दत्त तिवारी, राम नरेश यादव और मायावती ने धीरे-धीरे अपने बंगले खाली करना शुरू किया. आखिर में जून 2018 को दिवंगत मुलायम सिंह यादव ने अपना 5 विक्रमादित्य स्थित बंगले को खाली कर दिया. मुलायम सिंह इस बंगले में वर्ष 1989 से रह रहे थे. इस दौरान वो 3 बार मुख्यमंत्री रहे थे. मुलायम का बंगला खाली होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बंगला खाली कर दिया. अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए यह बंगला बनवाया था. जिसे भव्य रूप देने और साज सज्जा पर करीब 42 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए थे.