लखनऊ: देश ही नहीं दुनिया में भी कोविड-19 ने लोगों की जिंदगी पर बुरा असर डाला है. वहीं करवाचौथ, दीपावली और धनतेरस, त्योहार के चलते सर्राफा बाजारों में रौनक आ गई है. सोने के साथ-साथ चांदी के दामों में भी काफी चमक बढ़ गई है. लोग जमकर सर्राफा बाजार में खरीदारी कर रहे हैं. राजधानी के चौक, आलमबाग, इंदिरा नगर और गोमती नगर समेत सभी बाजारों में भीड़ उमड़ रही है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष भी व्यापारियों को उम्मीद है कि व्यापार अच्छा होगा. ट्रेड कारोबारियों के पिछले वर्ष के आंकड़ों की बात करें तो सर्राफा बाजार में करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था. वहीं ग्राहकों ने बताया कि कुछ दिन पहले सोना करीब 50,000 में था और अब सोने के दाम 51,000 से ऊपर हैं.
पिछले वर्ष का कारोबार
जानकारी के अनुसार, पिछले साल राजधानी के 1500 कारोबारियों ने औसतन 200 ग्राम सोने के गहने बेचे थे. करीब 300 किलो के गहने जिनमें चेन, झाला, अंगूठी, हार, नथ, चूड़ी, मंगलसूत्र, सिक्के आदि बेचे गए. ट्रेड कारोबारी के आंकड़ों की मानें तो 5000 किलो से अधिक चांदी के बर्तन, सिक्के, थाली, गिलास, मंदिर, मूर्तियों की बिक्री हुई थी. धनतेरस पर 5,00,000 का मंगलसूत्र सबसे महंगा बिका था. वहीं 10 बड़े ब्रांडेड शोरूम में अनुमानित 160 करोड़ रुपये के सोने के गहने बेचे गए थे. सर्राफा के कुल 500 करोड़ के कारोबार में 350 करोड़ के सोने, 100 करोड़ के डायमंड और कुंदन, 50 करोड़ की चांदी के गहने की बिक्री हुई थी.
फेस्टिवल के चलते गुलजार हुए बाजार
सर्राफा व्यापारी अमृत जैन का कहना है कि कोरोना के चलते सभी इंडस्ट्रीज को काफी नुकसान पहुंचा है लेकिन, व्यापार पर काफी असर कोविड-19 के चलते पड़ा है. कोरोना के चलते व्यापार पर जो नुकसान हुआ है, उसको कवर करने का समय है. अमृत जैन ने बताया कि फेस्टिवल के चलते बाजारों में रौनक बढ़ी है. जैसे-जैसे मार्केट अच्छे से चलता जाएगा, वैसे-वैसे सर्राफा व्यापारियों के नुकसान की भरपाई हो पाएगी. व्यापारी अमृत जैन बताते हैं कि इस बार बाजार में 1,00,000 से लेकर 12,00,000 रुपए का सोने का करवा है. वहीं चांदी के करवे की कीमत 3000 से लेकर 50,000 तक है.