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Building Collapsed In Lucknow: 8 साल की बनाई गई गृहस्थी में मिला सिर्फ एक बैग...और वो लेकर चली गई - Alaya Apartment Families Story

राजधानी लखनऊ का अलाया अपार्ट ढहने से कई परिवार सड़क पर आ गए हैं. इसी बिल्डिंग में रहने वाली युवती रेस्क्यू के दौरान 30 घंटे तक घटना स्थल पर अपने सामान की उम्मीद लगाए डटी रही. जानिए क्या है पूरी कहानी...

मलबे के पास इंतजार करती आलोका.
मलबे के पास इंतजार करती आलोका.

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Published : Jan 26, 2023, 3:45 PM IST

लखनऊ:वो अपनी मां के साथ 8 साल पहले कानपुर से लखनऊ आई थी. इन 8 सालों में मां-बेटी ने मिल कर घर संजोया, एक-एक समान जोड़ कर उससे गृहस्थी बनाई और झटके में 8 साल की गृहस्थी एक छोटे से ट्रॉली बैग में सिमट कर रह गई. ये दास्तां है कानपुर की रहने वाली उस 30 वर्षीय आलोका अवस्थी की, जो लखनऊ में जमींदोज हो चुके अलाया अपार्टमेंट के सामने खड़े होकर बीते 30 घंटे से उस फ्लोर के मलबे के हटने का इंतजार करती रही, जिसमें वो कभी रहा करती थी. जब उनका इंतजार खत्म हुआ तो उसे सिर्फ एक ट्रॉली बैग ही मिल सका और जिसे लेकर वो मायूस हो वहां से निकल गई.

मलबे के पास इंतजार करती आलोका.

गौरतलब है कि मंगलवार को शाम 6:45 पर राजधानी लखनऊ में हजरतगंज के वजीर हसनगंज स्थित अलाया अपार्टमेंट जमींदोज हो गया. करीब 30 घंटे लगातार रेस्क्यू चला. मलबे से निकाले गए लोगों में 2 लोगों की इलाज के दौरा मौत हो गई. इस अपार्टमेंट में रहने वाले परिवारों के घर एक झटके में ताश के पत्तों की तरह ढह गए. जिनके परिवार के दो लोगों की हादसे में मौत हुई उनका घर बर्बाद हो गया. इन्ही परिवारों में से एक है 58 वर्षीय रंजना अवस्थी का, जो अलाया अपार्टमेंट के दूसरे फ्लोर में अपनी 30 वर्षीय बेटी आलोका के साथ रहती थी. बिल्डिंग के गिरने पर उनकी बेटी ने उन्हें हिम्मत दिखाते हुए खुद बाहर निकला और अस्पताल ले गई.

30 घंटे तक अपना समान लेने के लिए मलबे के पास खड़ी रही आलोका.

30 घंटे तक अपना समान लेने के लिए मलबे के पास खड़ी रही आलोकाःमंगलवार को देर रात अपनी मां को अस्तपाल में भर्ती करा आलोका वापस घटना स्थल पर आ गई और टकटकी निगाहों से अपने जमींदोज हो चुके घर को निहारती रही. एक-एक कर घायलों को बाहर निकाला गया. रेस्क्यू चलाता गया, लेकिन आलोका का इंतजार खत्म नहीं हुआ . बुधवार को ईटीवी भारत ने आलोका की दोस्त से बात कि तो उन्होंने बताया कि रंजना के पति की कई वर्ष पहले ही मृत्यु हो चुकी है. आठ साल पहले इसी अपार्टमेंट में रहने आई रंजना बिजली विभाग में नौकरी करती थी. मां बेटी ने अपार्टमेंट के सेकेंड फ्लोर में स्थित फ्लैट बड़े सपने संजोकर ये सजाया था और अब उनकी दोस्त आलोक उसी घर के सामान को लेना चाहती है. वो कहती हैं कि आलोका का कोई भी रिश्तेदार लखनऊ में नहीं रहता है, उनके पास पहनने को चप्पल भी नहीं है. बस इसी उम्मीद में वो यहां खड़ी है कि शायद उनकी गृहस्थी का कुछ भी समान आखिरी बार उन्हें मिल जाए.

अंकल के सीने से लिपट रोटी आलोका.

बैग मिलते ही छलक पड़े आंसूःबुधवार को देर शाम जब मलबे में किसी के भी अंदर रहने की उम्मीद खत्म हुई तो पोकलैंड से मलबा हटाने का काम शुरू हुआ. हादसे के करीब 30 घंटे बाद रात 9 बजे आलोका को उनका वो बैग मिला, जिसे कुछ दिन पहले ही खरीदा था. उस बैग को देख उनके आंखो में आंसू आ गए औरर दोस्त के पापा के सीने से लग गई और मायूसी से उस बैग को लेकर 30 घंटे बाद हादसे स्थल से निकल गई.

मंगलवार को ढह गया था अलाया अपार्ट.

3 सदस्यीय जांच कमिटी गठितःदरअसल, राजधानी में मंगलवार को हुए अलाया अपार्टमेंट हादसे में 2 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है, वहीं 14 लोगों को जीवित बहार रेकस्यू कर लिया गया था। जिनका इलाज अलग अलग अस्पतालों में चल रहा है। वहीं बुधवार को देर शाम रेस्क्यू टीम को जब मलबे में किसी भी व्यक्ति के जिंदा रहने के सबूत नहीं मिले तो मलबे को हटाने के लिए पोकलैंड का सहारा लेना पड़ा. हादसे के जिम्मेदार बिल्डर नवाजिश मंजूर, मोहम्मद तारिक व बिल्डर फहद याजदान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल अभी जवाजिस की ही गिरफ्तारी हुई है। वहीं हादसे की जांच के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने 3 सदस्यीय जांच कमिटी गठित की है, जिसमें मंडलायुक्त लखनऊ, संयुक्त पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था और चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी शामिल है.

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