लखनऊः विधानसभा में सोमवार को सदन की कार्यवाही में उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार दिए जाने संबन्धी नियम बनाने के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया. सदन में सरकार ने पूर्व विधायकों को पेंशन दस हजार से बढ़ाकर पच्चीस हजार रूपए दिए जाने के लिए उप्र राज्य विधान मंडल संशोधन विधेयक 2023 पारित कर दिया. वहीं, प्रश्नकाल में सरकार ने कहा कि सरकार ट्रामा सेंटर की व्यवस्था को और बेहतर करते हुए चिकित्सों की नियुक्ति भी की जाएगी.
सदन में उप्र शीरा नियंत्रण संशोधन विधेयक 2023 पारित कर दिया गया. विधेयक को लेकर सरकार ने सदन में स्पष्ट किया कि इस विधेयक के आने से किसानों पर कोई टैक्स या राब अथवा गुड़ पर नहीं लगाया जाएगा. बल्कि 20 रूपए प्रति कुंतल रेगुलेटरी चार्ज खांडसारी इकाई से लिया जाएगा. इस विधेयक से अवैध शीरा के परिवहन पर नियंत्रण तो लगेगा ही साथ ही अवैध शराब के निर्माण पर भी अंकुश लग सकेगा.
विधान सभा में नियम 56 के तहत बसपा सदस्य उमाशंकर सिंह ने प्रयागराज में 24 फरवरी को विधायक राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या का मामला उठाते हुए कहा कि 24 फरवरी को उमेश पाल अपने सुरक्षा गनरों के साथ जिला कचहरी से अपने धूमनगंज स्थित आवास पर पहुंचते ही अज्ञात हमलावरों ने स्वचालित हथियारों से घर में घुसकर गोली मार दी. साथ ही उन पर बम से भी हमला किया गया. उमाशंकर सिंह ने कहा कि इस हमले में उमेश पाल एवं उसके पुलिस सुरक्षाकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनकी हालत नाजूक होने के कारण उन्हें एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां पर उमेश पाल एवं गनर संदीप निषाद की मृत्यु हो गई तथा एक अन्य गनर राघवेंद्र सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है, जिसे लखनऊ एसजीपीजीआई रेफर किया गया है.
उमाशंकर ने इस मामले की सरकार से उच्च स्तरीय जांच कराते हुए पीड़ित परिवार को एक करोड़ रूपए का मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को नौकदी दिए जाने की मांग की. जिसका जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इस घटना की पृष्टभूमि 2005 से शुरू होती है. जब पूजा पाल ने हत्या का मूकदमा धूमनगंज में दर्ज करायाा था. इस मुकदमें के गवाह के रूप में उमेश पाल भी थे. 2007 में भी गवाह उमेश पाल के अपहरण को लेकर एक मुकदमा और दर्ज किया गया था.
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि इस मामले में उच्चतम न्यायाल के 17 फरवरी 2023 को 6 सप्ताह में ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया था. घायल सिपाही राघवेंद्र सिंह को एसजीपीआई में भर्ती कराया गया है. इस मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस के साथ एसटीएफ को लगाया गया है और दस टीमें भी लगाई गई है. उन्होंने कहा कि अभियुक्तों को पकड़ने वाली टीम को पुरस्कार भी दिया जाएगा. किसी को छोड़ा नहीं जाएगा.