लखनऊ : विधानमंडल के बजट सत्र की शुरूआत हंगामेदार रही. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण की शुरुआत करते ही सपा और रालोद सहित कांग्रेस बसपा के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए. सपा के सदस्य हाथों में सरकार के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां लहरा रहे थे. सदन की कार्यवाही में आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव भी डटे रहे. अखिलेश यादव के ठीक बगल में शिवपाल सिंह यादव का सेटिंग अरेंजमेंट समाजवादी पार्टी की मांग पर किया गया है. प्रदर्शन और नारेबाजी के समय अखिलेश और शिवपाल साथ साथ खड़े नजर आए और सरकार पर हमलावर होते रहे. कानून व्यवस्था, जाति जनगणना सहित कई विषयों पर रखती लेकर समाजवादी पार्टी के सदस्य नारेबाजी कर रहे थे.
करीब एक घंटे के भाषण के दौरान सपा-रालोद के सदस्य वेल में ही जमे रहे. शोरशराबे और हंगामे के बीच ही राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पूरा किया. राज्यपाल के पूरे एक घंटे एक मिनट के अभिभाषण के दौरान सदस्य नारेबाजी और हो हल्ला करते रहे. सपा, रालोद सदस्यों के शोरशराबे और हंगामे का जवाब सत्तापक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपा कर दिया. राज्यपाल ने हंगामे के बीच अपने अभिभाषण में राज्य सरकार द्वारा बीते एक साल में किए गए विकास कार्यो को सिलसिलेवार गिनाया. अभिभाषण के दौरान सपा के सदस्य राज्यपाल वापस जाओ, राज्यपाल गो बैक के नारे भी लगाते रहे. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले समाजवादी पार्टी के विधायकों ने शिवपाल सिंह यादव के अगुवाई में विधान भवन स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान मीडियाकर्मियों के साथ विधान भवन की सुरक्षा में लगे पार्षदों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई. मीडिया को समाजवादी पार्टी के धरना प्रदर्शन को कवर करने से रोकने की कोशिश की गई. इस दौरान कई महिला सदस्यों ने विधानसभा की महिला सुरक्षाकर्मियों से भी धक्कामुक्की की.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अभिभाषण में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव तथा विधानसभा के अध्यक्ष रहे केशरीनाथ त्रिपाठी और विधानसभा के सदस्य रहे स्व. राहुल प्रकाश कोल को भी श्रद्वांजलि दी. अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने एक वर्ष के कार्यकाल में जनआकांक्षाओं की पूर्ति, सबका साथ सबका विकास का लक्ष्य सामने रखते हुए सभी वर्गों की उन्नति और कल्याण के लिए काम किया है. सुशासन, सुरक्षा व विकास के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए अपराध एवं भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेन्स की नीति के साथ शांति एवं सद्भाव का वातावरण सुनिश्चित किया है. समाज के सभी वर्गों के हित तथा राज्य के समग्र विकास के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कल्याणकारी कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. सरकार जनसमस्याओं के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान के लिए संवेदनशील है. इस उद्देश्य से तहसील स्तर पर सम्पूर्ण समाधान दिवस एवं थानास्तर पर थानादिवस आयोजित किये जा रहे हैं. अमृतकाल के प्रथम वर्ष में भारत द्वारा एक दिसम्बर 2022 से 30 नवम्बर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता किया जाना सौभाग्यपूर्ण एवं अभूतपूर्व अवसर है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में होने वाली 200 से अधिक बैठकों में 11 बैठकों का आयोजन यूपी में किया जा रहा है. भारत के विकास का इंजन उत्तर प्रदेश, देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. उत्तर प्रदेश सरकार ने पहला इन्वेस्टर्स समिट वर्ष 2018 में फरवरी में आयोजित किया था जिसमें निवेश प्राप्त होने के प्रस्तावों को तीन ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरीमनी के आयोजन के साथ जमीन पर उतारते हुए लगभग चार करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है तथा अधिकांश इकाइयों में उत्पादन भी शुरू हो चुका है.
राज्यपाल ने कहा महिला सुरक्षा कानून के तहत प्रभावी पैरवी करके 59.1 प्रतिशत लोगों को सजा दिलायी गयी जो कि देश में सर्वाधिक एवं राष्टीय औसत के दोगुने से भी अधिक है. सरकार द्वारा वर्ष 2017 से अबतक 118 लाख मुख्यालयों, 26 तहसील मुख्यालयों को 2-2 लेन के सम्पर्क मार्गों से जोड़ा जा चुका है. सात अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के तथा 68 अन्तर्राज्यीय मार्गों का टू लेन में चौंड़ा किया गया है. नकलविहीन परीक्षा एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के कार्यों में सुधार के लिए मानवीय हस्तक्षेप समाप्त कर ऑनलाइन प्रक्रिया अपनायी गई है. प्रदेश में तीन नये राज्य विश्वविद्यालयों-राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मां शाकम्बरी देवी विश्वविद्यालय, सहारनपुर एवं महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय में अध्यापन का कार्य वर्तमान सत्र से संचालित किया जा रहा है. कानून व्यवस्था की दृष्टि से अपराध और अपराधियों के विरू़द्ध जीरो टालरेन्स की नीति अपनाकर प्रदेश में अपराधमुक्त, भयमुक्त व अन्यायमुक्त वातावरण स्थापित किया है.