लखनऊ : महापौर सुषमा खर्कवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को कार्यकारिणी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित बजट 20 अरब 91 करोड़ को आंशिक संशोधन के साथ पास कर दिया गया. सपा पार्षदों की ओर से पार्षद निधि बढ़ाए जाने की मांग की गई. इस पर स्वीकृति न मिलने पर दोनों सपा पार्षद कार्यकारिणी की बैठक छोड़ कर चले गए. हालांकि पार्षदों की मांग पर महापौर की अध्यक्षता में कार्यकारिणी ने पार्षद निधि एक करोड़ धनराशि एक साथ जारी करने की मंजूरी दे दी. हालांकि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते यह निर्णय लिया गया. इससे पहले 50 लाख वार्ड विकास प्राथमिकता निधि जारी की जा चुकी है. अब पार्षद अपने वार्ड में एक करोड़ रुपये के विकास कार्य करा सकेंगे. इस धनराशि से पार्षद सड़क, पार्क, स्ट्रीट लाइट, नलकूप व सबमर्सिबल पम्प के काम करवा सकेंगे. इसके साथ ही महापौर कोटे के 30 करोड़ से भी शहर में काम होंगे.
महापौर सुषमा खर्कवाल ने बताया पुनरीक्षित बजट के एक-एक बिंदु पर चर्चा की गई. 110 वार्ड में पार्षद अपने वार्ड में विकास कार्य के लिए जीएसटी सहित एक करोड़ रुपये खर्च कर सकेंगे. इस तरह से सभी 110 वार्डों के लिए करीब 110 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 50-50 लाख रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं. वार्ड विकास निधि से पूरे 220 करोड़ 31 मार्च 2024 तक भुगतान किए जाने के निर्देश दिए गए. महापौर ने कहा कि इस समय निधि का पैसा खर्च न करने की दशा में धनराशि लैप्स हो जाएगी.
रेलवे स्टेशन, शत्रु संपत्तियों से हाउस टैक्स वसूलेंगे
गृहकर की वसूली का 536 करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया गया है. इसे हासिल करने के लिए नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कार्ययोजना की जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम सीमा में अभी तक 5.39 लाख भवन स्वामियों से गृहकर जमा होता है. नए सर्वे के बाद 1.62 भवन और बढे़ हैं. इसमें विस्तारित इलाकों के अनावासीय भवन भी शामिल हैं. उन्होंने बताया 536 करोड़ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अलग-अलग भवनों की 35 श्रेणियां बनाई गई हैं. इनमें होटल, अस्पताल, विश्वविद्यालय, डिग्री कॉलेज इत्यादि. सभी पर फोकस करते हुए मार्च 2024 तक यह वसूली किए जाने का दावा किया है. अकेले गोमती नगर विस्तार में 7500 फ्लैटों से टैक्स प्राप्त होगा. यहां आरडब्ल्यूएस से संपर्क किया जा रहा है. इसके अलावा केंद्रीय विभाग, रेलवे स्टेशनों, डाकघर व शत्रु संपत्तियों को टैक्स के दायरे में लाया जाएगा. मेट्रो से हाउस टैक्स वसूली को लेकर भी शासन में बैठक हो चुकी है. लखनऊ मेट्रो विज्ञापन से 9.5 करोड़ रुपये कमाई कर रही है. विभिन्न वार्डों में कैंप लगाकर गृहकर वसूलने की कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही किसी को आपत्ति होने पर मौके पर निस्तारण किया जाएगा.
शहर की सफाई व्यवस्था होगी बेहतर :शहर की सफाई व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए उद्देश्य से सफाई एवं अपशिष्ट प्रबंधन का व्यय बढ़ाया गया है. अधिष्ठान (सफाई) का व्यय 110 करोड़ से बढ़ाकर 120 करोड़ कर दिया गया है. पुनरीक्षित बजट में नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर खर्च को 50 करोड़ से बढ़ाकर 55 करोड़ पास किया गया है.
सुधरेगी मार्ग प्रकाश व्यवस्था :निजी कंपनी ईईएसएल से काम वापस लेने के बाद नगर निगम खुद व्यवस्था संभाल रहा है. इस मद में भी बजट बढ़ाया गया है. अस्थायी प्रकाश व्यवस्था में दो करोड़ ज्यादा का प्राविधान किया गया है. प्रकाश बिंदुओं के अनुरक्षण पर होने वाले खर्च को 5 से 9 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
सड़क, नाली निर्माण पर खर्च होंगे 240 करोड़ :शहर की प्रत्येक गलियों में सड़कों, नालियों, शहर के सभी पार्क साफ-सुथरे एवं सुसज्जित करने के लिए निर्माण कार्य के व्यय को बढ़ा दिया गया है. निर्माण कार्य पर व्यय के लिए दो करोड़ से बढ़ाकर 5.50 करोड़, मरम्मत कार्य पर व्यय के लिए 150 लाख से बढ़ाकर 800 लाख, सार्वजनिक निर्माण कार्य (मरम्मत, निर्माण कार्यों के दायित्व एवं अन्य) के व्यय 70 करोड़ से बढ़ाकर 240 करोड़ रु बजट बढ़ाया गया है. संयंत्र एवं आकस्मिक व्यय को 18 करोड़ से बढ़ाकर 34 करोड़ किया गया है.
कल्याण मंडप की होगी ब्राडिंग :कल्याण मंडप, सामुदायिक केंद्र नगर निगम की एक बड़ी व्यवस्था है. इसकी ब्राडिंग की जाएगी. लोगों को यहां शादी-विवाद आदि के अलावा अन्य कार्यक्रम के लिए भी कराए जाने के लिए बताया जाएगा. उसकी जिम्मेदारी के लिए जोनल अधिकारी को बुकिंग, जेडएसओ को साफ सफाई एवं अपर नगर अयुक्त व नगर अभियंता को रखरखाव की व्यवस्था के लिए जिम्मेदारी दी गई है. चूना, ब्लीचिंग, गाड़ी मरम्मत इत्यादि कार्यों के लिए जोनवार रेट लिस्ट देने एवं जेडएसओ व इंजीनियर को खरीद के लिए अधिकृत किया गया है.